Act: भोपाल | मध्य प्रदेश विधानसभा में सोमवार को भोपाल और इंदौर को मेट्रोपॉलिटन सिटी के रूप में विकसित करने के लिए लाया गया “मेट्रोपॉलिटन एक्ट” करीब ढाई घंटे की चर्चा के बाद सर्वसम्मति से पारित हो गया। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सदन में विधेयक का पक्ष रखते हुए कहा कि आने वाले समय में ग्वालियर, जबलपुर और रीवा को भी इसी ढांचे में शामिल किया जाएगा।
🚇 आधुनिक परिवहन सुविधाओं पर विशेष जोर
मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि भोपाल और इंदौर में मेट्रो, मोनो रेल और रोपवे जैसी अत्याधुनिक परिवहन सेवाओं को सशक्त किया जाएगा।
विशेष रूप से, इंदौर मेट्रो को उज्जैन तक विस्तार देने का निर्णय लिया गया है। मंत्री ने भरोसा दिलाया कि मेट्रोपॉलिटन एक्ट के तहत सीमावर्ती जिलों की आवश्यकताओं और हितों का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।
🏛️ विधानसभा में सकारात्मक माहौल, विपक्ष को मिला आश्वासन
विधानसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष की कुछ आशंकाओं को लेकर मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार की मंशा पूरी तरह पारदर्शी और समावेशी है। उन्होंने कहा:
“सभी विधायक इस एक्ट को एक बार फिर ध्यान से पढ़ लें, अगर कोई त्रुटि सामने आती है तो उसमें संशोधन भी किया जाएगा।”
📘 देश के अन्य मेट्रोपॉलिटन एक्ट का अध्ययन आधार
मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि इस एक्ट को लाने से पहले देश के सभी प्रमुख मेट्रोपॉलिटन शहरों के एक्ट का गहन अध्ययन किया गया। उन्होंने कहा:
“देश के अनुभवों से सीखकर ही मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी का अध्यक्ष मुख्यमंत्री को बनाया गया है। इसमें विधायक, सांसद, महापौर, नगरीय निकायों के पार्षद और जनपद पंचायत अध्यक्ष को भी प्रतिनिधित्व दिया गया है।”
🔍 विकास की दिशा में बड़ा कदम
भोपाल और इंदौर को मेट्रोपॉलिटन सिटी का दर्जा दिए जाने से शहरी नियोजन, आवास, परिवहन और आधारभूत संरचना को नया आयाम मिलेगा। इस निर्णय से आने वाले समय में ग्वालियर, जबलपुर और रीवा जैसे शहरों को भी बेहतर योजनाबद्ध विकास का लाभ मिल सकेगा।
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