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Action: छिंदवाड़ा हादसे के बाद एक्शन में सरकार, चार साल में 229 दवाएं अमानक पाई

छिंदवाड़ा हादसे के बाद एक्शन में

दवा गुणवत्ता पर बड़ा सवाल

Action: भोपाल। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में जहरीली दवा से बच्चों की मौत की दर्दनाक घटना के बाद सरकार हरकत में आ गई है। प्रदेश में अमानक दवाओं का मामला नया नहीं है — बीते करीब चार वर्षों में 229 दवाएं जांच में फेल पाई जा चुकी हैं। औसतन हर हफ्ते एक दवा का नमूना अमानक साबित हुआ है।

छिंदवाड़ा की घटना के बाद सरकार ने जानलेवा ‘कोल्ड्रिफ कफ सिरप’ पर प्रतिबंध लगाया है। वहीं, जांच में अब दो और कफ सिरप के नमूने भी अमानक पाए गए हैं, जिनकी बिक्री पर अस्थायी रोक लगा दी गई है।

🔹 चार साल में 229 दवाएं फेल

राज्य के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल 2021 से जून 2025 तक 229 दवाओं के सैंपल अमानक पाए गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने विधानसभा में बताया था कि –

  • 2021-22 में 44 दवाएं अमानक पाई गईं
  • 2022-23 में 46 दवाएं फेल हुईं
  • 2023-24 में 25 नमूने असफल रहे
  • 2024-25 में 92 दवाएं अमानक निकलीं

इन मामलों में 60 लाइसेंस रद्द, 4 चेतावनियां जारी और 19 कंपनियों को शो कॉज नोटिस दिया गया है।

🔹 जांच में सामने आई चौंकाने वाली खामियां

  • कई सिरप और टेबलेट में फफूंद और नमी पाई गई।
  • कुछ दवाओं में सक्रिय तत्वों की मात्रा कम मिली।
  • कुछ टेबलेट पर धब्बे और रंग बदलना पाया गया।
  • कई दवाओं में कंपोजिशन असंतुलित मिला।

अमानक दवाओं में ब्लड प्रेशर, बुखार, एलर्जी, एंटीवायरल जैसी महत्वपूर्ण दवाएं शामिल हैं।

🔹 दो और दवाओं पर रोक

कोल्ड्रिफ सिरप पर बैन के बाद प्रदेश सरकार ने 19 दवाओं के सैंपल जांच के लिए भेजे थे। इनमें से दो कफ सिरप और फेल हो गए हैं। फिलहाल उनकी बिक्री रोक दी गई है। आगे की लैब रिपोर्ट आने के बाद स्थायी कार्रवाई की जाएगी।

🔹 सीएम ने दिए सख्त निर्देश

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस घटना को गंभीर मानते हुए राज्यभर में दवा जांच अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि –

“हर दवा पर चेतावनी और सावधानियों की जानकारी सही तरीके से लिखी जा रही है या नहीं, इसकी भी जांच की जाए। जहां भी गड़बड़ी मिले, वहां सख्त कार्रवाई हो।”

🔹 जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई

छिंदवाड़ा हादसे के बाद राज्य सरकार ने कई अधिकारियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की है –

  • फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के उप संचालक शोभित कोष्टी को निलंबित किया गया।
  • ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य का तबादला किया गया।
  • जबलपुर के ड्रग इंस्पेक्टर शरद जैन और छिंदवाड़ा के ड्रग इंस्पेक्टर को भी निलंबित किया गया।

साथ ही, मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि प्रतिबंधित कोल्ड्रिफ कफ सिरप को घर-घर से रिकवर करने का अभियान चलाया जाए, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

साभार… 

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