action: भोपाल: भोपाल में निजी स्कूलों पर मनमानी रोकने के लिए जो नए आदेश जारी किए गए हैं, वे पैरेंट्स और छात्रों के हित में एक सकारात्मक कदम हैं। आइए इस पर मुख्य बिंदुओं में नज़र डालते हैं:
🏫 आदेश के प्रमुख बिंदु
फीस स्ट्रक्चर की पारदर्शिता
सभी निजी स्कूलों को 31 मार्च तक अपनी फीस संरचना सार्वजनिक करनी होगी।
फीस की जानकारी स्कूल नोटिस बोर्ड या वेबसाइट पर उपलब्ध करानी होगी।
इससे अभिभावक अतिरिक्त शुल्क या मनमानी फीस को लेकर सतर्क रह सकेंगे।
किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने की स्वतंत्रता
स्कूल किसी विशेष दुकान से कॉपी-किताबें या यूनिफॉर्म खरीदने के लिए दबाव नहीं बना सकते।
अभिभावकों को अपनी सुविधा अनुसार किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने की स्वतंत्रता होगी।
एनसीईआरटी की पुस्तकें अनिवार्य
पहली से 12वीं कक्षा तक एनसीईआरटी की किताबें ही पढ़ाई जाएंगी।
इससे मानकीकरण होगा और अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा।
डीईओ की जिम्मेदारी
जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को स्कूलों की निगरानी और आदेश के पालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
यदि स्कूल नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
🧑🏫 सरकार का उद्देश्य
अभिभावकों को आर्थिक शोषण से बचाना।
शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाना।
सभी बच्चों को समान पाठ्यक्रम के माध्यम से शिक्षा प्रदान करना।
साभार…
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