Alcohol Policy: भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने आगामी वर्ष 2025-26 के लिए शराब नीति में बदलाव करने का निर्णय लिया है। इसमें धार्मिक स्थलों और संवेदनशील क्षेत्रों के आसपास स्थित शराब दुकानों को बंद करने और नीलामी प्रक्रिया में सुधार लाने की योजना शामिल है।
महाकाल लोक और अन्य धार्मिक स्थलों के पास शराब दुकानों पर रोक
महाकाल लोक के निर्माण के बाद उज्जैन और अन्य धार्मिक स्थलों पर देशभर से आने वाले पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। ऐसे स्थलों के पास शराब दुकानों के कारण कई बार कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती है। इसे देखते हुए सरकार ने इन स्थानों के पास स्थित दुकानों को बंद करने पर विचार किया है।
एकल दुकान नीलामी की प्रक्रिया
वर्तमान में प्रदेश में 3,605 कंपोजिट शराब दुकानें हैं, जो 1,100 समूह बनाकर नीलाम की गई थीं। लेकिन 2025-26 के लिए सरकार ने एकल दुकान नीलामी का प्रस्ताव तैयार किया है।
- लाभ:
- प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
- नए व्यवसायियों को मौका मिलेगा।
- राजस्व में वृद्धि होगी।
2003 में भी एकल दुकान नीलामी की व्यवस्था थी, जिसे अब दोबारा लागू करने की योजना है।
आदिवासी क्षेत्रों में ग्रामसभा की अनुमति अनिवार्य
सरकार ने यह भी तय किया है कि आदिवासी क्षेत्रों में शराब दुकानें केवल ग्रामसभा की अनुमति से खोली जाएंगी। इससे इन क्षेत्रों में स्थानीय समुदाय की सहमति और सहभागिता सुनिश्चित होगी।
अहाते बंद होने के बाद वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार
2023 में शिवराज सरकार ने अहाते बंद करने का फैसला लिया था, जिससे झगड़े और कानून-व्यवस्था की समस्याएं कम हो सकें। लेकिन अब दुकान के आसपास शराब पीने से आमजन को असुविधा हो रही है। इसे देखते हुए सरकार अहाते का वैकल्पिक विकल्प तलाशने की योजना बना रही है।
नवीन नीति का उद्देश्य
- धार्मिक और पर्यटक स्थलों की गरिमा बनाए रखना।
- व्यवसाय में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा बढ़ाना।
- राजस्व में वृद्धि करना।
- स्थानीय समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करना।
जल्द ही यह प्रस्तावित नीति राज्य कैबिनेट में प्रस्तुत की जाएगी, जिसके बाद इसे लागू करने का निर्णय लिया जाएगा।
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