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Anticipatory bail: मुनगा कांड में आशा उपवंशी को हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत

मुनगा कांड में आशा उपवंशी को

बैतूल में पदस्थापना के दौरान हुई थी एफआईआर

Anticipatory bail: जबलपुर(ई-न्यूज)। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति प्रमोद कुमार अग्रवाल की एकलपीठ ने बैतूल में प्रभारी उपसंचालक उद्यानिकी के पद पर पदस्थ रही आशा उपवंशी बनाम राज्य शासन मध्यप्रदेश मामला क्रं. 33629/2025) मामले में सुनवाई करते हुए आवेदिका को अग्रिम जमानत की राहत प्रदान की है। गौरतलब है कि यह प्रकरण अपराध क्रं. 1152/2024 से संबंधित है जो कोतवाली थाना बैतूल में धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात) और धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया गया था।


ऐसे की थी किसानों के साथ धोखाधड़ी


आवेदिका आशा उपवंशी पर आरोप है कि उन्होंने अन्य सह-आरोपियों के साथ मिलकर बैतूल जिले के किसानों से यह कहकर धोखाधड़ी की थी कि उनकी कंपनी मुनगा (ड्रमस्टिक) पौधों को 220 रु. प्रति पौधा की दर से लगाएगी और अगले पाँच वर्षों तक किसानों से पत्तियां खरीदकर उन्हें 21 लाख से 21.5 लाख प्रति एकड़ की वार्षिक आमदनी देगी। इस संबंध में किसानों से राशि ली गई, लेकिन वादे पूरे नहीं किए गए।


न्यायालय में यह रखा पक्ष


डॉ. आशा उपवंशी की ओर से अधिवक्ता संकल्प कोचर ने कहा कि उनके मुवक्किल का रोल केवल किसानों और कंपनी के बीच समन्वय करने और निगरानी रखने तक सीमित था। कंपनी और निदेशक के बीच बाकायदा एक अनुबंध हुआ था। किसानों की शिकायतों पर कलेक्टर बैतूल और उपसंचालक कृषि विभाग बैतूल ने जांच के आदेश दिए थे, जिसके तहत आवेदिका ने अपनी जांच रिपोर्ट कलेक्टर और उपसंचालक कृषि को सौंपी थी। कंपनी की योजना अखबारों में भी प्रकाशित हुई थी और कई बैठकें कलेक्टर द्वारा बुलाई गई थीं जिनमें आवेदिका भी उपस्थित थीं। आवेदिका के खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और न ही उनकी हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है।


सरकार ने रखा अपना पक्ष


राज्य सरकार की ओर से शासन अधिवक्ता श्री सी.एम. तिवारी ने अग्रिम जमानत का विरोध किया और आवेदन को अस्वीकार करने की मांग की।


अदालत का निर्णय


न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह पाया कि इस प्रकरण में आवेदिका की हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है। अत: न्यायालय ने अग्रिम जमानत आवेदन शर्तों के साथ स्वीकृत किया है कि यदि पुलिस आवेदिका को गिरफ्तार करती है, तो उन्हें 50,000 रु. के निजी मुचलके और उतनी ही राशि के जमानती पर रिहा किया जाएगा। न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि आवेदिका आगे की सभी जांच प्रक्रियाओं में सहयोग करें और विधिक शर्तों का पालन करें।
(न्यूज स्रोत:- मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय, जबलपुर आदेश दिनांक 16 सितंबर 2025, केस नंबर एमसीआरसी -33629/2025) साभार…

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