Apprehension: भोपाल/नई दिल्ली। मॉनसून के बाद इस साल ठंड का मौसम भी रिकॉर्ड तोड़ सकता है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि 2025 के अंत तक ला नीना (La Niña) सक्रिय होगा, जिससे देशभर में सामान्य से कहीं ज्यादा ठंड पड़ेगी। खासकर मध्य प्रदेश में भीषण शीतलहर का असर देखने को मिल सकता है।
अक्टूबर से सक्रिय होगा ला नीना इफेक्ट
- अमेरिकी जलवायु पूर्वानुमान केंद्र (CPC) की ताज़ा रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर-दिसंबर 2025 के बीच ला नीना के सक्रिय होने की संभावना 71% तक है।
- दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 के बीच यह संभावना थोड़ी कम होकर 54% रह सकती है।
- यानी इस बार ला नीना का प्रभाव सामान्य से ज्यादा मजबूत रहेगा।
मॉनसून की बारिश ने तापमान दबाए रखा
- भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, इस साल मॉनसून की भारी बारिश ने तापमान को नियंत्रित किया।
- अब जैसे-जैसे मॉनसून कमजोर होगा, अक्टूबर-दिसंबर के बीच ला नीना के चलते ठंड तेजी से बढ़ने लगेगी।
- इससे उत्तरी, मध्य और पश्चिम भारत में शीतलहर का प्रकोप ज्यादा देखने को मिलेगा।
क्या है ला नीना और इसका असर?
- ला नीना प्रशांत महासागर की सतह पर पानी ठंडा होने की प्रक्रिया है।
- जब यह पैटर्न बनता है तो दुनियाभर के मौसम पर असर डालता है।
- भारत में इसके चलते:
- बरसात सामान्य से ज्यादा होती है (जैसा इस साल हुआ)।
- सर्दियां ज्यादा ठंडी पड़ती हैं।
स्काईमेट की चेतावनी
- निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट के अध्यक्ष जीपी शर्मा ने कहा,
- “प्रशांत महासागर की सतह पहले से सामान्य से ठंडी है।
- यदि तापमान -0.5°C से नीचे तीन तिमाहियों तक बना रहा, तो इसे आधिकारिक तौर पर ला नीना घोषित कर दिया जाएगा।”
- पिछले साल के अंत में भी यही स्थिति बनी थी और इस बार इसका असर और ज्यादा हो सकता है।
- साभार…
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