Approval: भोपाल: मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार ने मध्य प्रदेश के संविदा कर्मचारियों के लिए एक बड़ा और राहतभरा कदम उठाया है। अब तक जिन कर्मचारियों को स्थानांतरण (ट्रांसफर) की सुविधा नहीं थी, उनके लिए स्थान परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू की गई है। फिलहाल यह व्यवस्था पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में लागू की गई है, लेकिन इससे अन्य विभागों के कर्मचारियों को भी उम्मीद की किरण नजर आने लगी है।
🌐 क्या है नई व्यवस्था?
- इसे “स्थान परिवर्तन” कहा जाएगा, न कि “तबादला”।
- संविदा कर्मचारी का पहले का एग्रीमेंट समाप्त किया जाएगा।
- नए स्थान पर नया एग्रीमेंट किया जाएगा, जिसकी कॉपी राज्य कार्यालय को भेजी जाएगी।
- पांच साल तक दोबारा स्थान परिवर्तन नहीं किया जाएगा।
- स्थान परिवर्तन के बाद कर्मचारी को 2 सप्ताह के भीतर कार्यमुक्त होना होगा।
- 1 सप्ताह के अंदर नया एग्रीमेंट करना अनिवार्य होगा।
📌 किसको होगा लाभ?
- विधवा, विवाहित, तलाकशुदा महिलाएं – उन्हें उस जिले में स्थानांतरित किया जा सकेगा जहां उनके परिजन रहते हैं।
- स्वैच्छिक आधार पर स्थान परिवर्तन की अनुमति दी जाएगी।
- कलेक्टर द्वारा जिले के अंदर और प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से जिले से बाहर का स्थान परिवर्तन किया जाएगा।
- परस्पर आवेदन देने वाले संविदा कर्मियों को भी राहत मिल सकती है।
📊 संविदा कर्मचारियों की संख्या और पृष्ठभूमि:
- मध्य प्रदेश में लगभग 2.5 लाख संविदा कर्मचारी विभिन्न विभागों में कार्यरत हैं।
- अब तक संविदा कर्मचारियों के स्थानांतरण की कोई स्पष्ट नीति नहीं थी।
- यह पहल संभावित रूप से अन्य विभागों में भी अपनाई जा सकती है।
💬 संघ की प्रतिक्रिया:
मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रांत अध्यक्ष रमेश राठौर ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया और कहा:
“आम कर्मचारियों की तरह संविदा कर्मचारियों की भी परेशानियां हैं। जरूरतमंद कर्मचारियों को स्थान परिवर्तन की सुविधा मिलने से राहत मिलेगी। सरकार को अब नियमितीकरण पर भी विचार करना चाहिए।”
साभार…
Leave a comment