पुलिस ने 24 घंटे के भीतर दोनों आरोपियों को किया गिरफ्तार
Arrested:बैतूल। प्रापर्टी के लालच में हार्डवेयर व्यवसायी की गोली मारकर हत्या किए जाने के मामले में मास्टर माइंड महावत (बाबा) निकला जिसने अपने रिश्तेदार और सुपारी किलर के माध्यम से हत्या करवाई थी। पुलिस ने मास्टर माइंड महावत और उसके रिश्तेदार को गिरफ्तार कर लिया है वहीं गोली चलाने वाला शूटर खरगोन निवासी अभी फरार है। जिसकी पुलिस तलाश कर रही है। पुलिस ने आज इस हत्याकाण्ड का खुलासा पत्रकारवार्ता के माध्यम से किया है।
देखे सीसीटीवी फुटेज
हत्या के पीछे यह है पूरी कहानी
मृतक अशोक पंवार की ससुराल से जुड़ा पूरा मामला सामने आया है। अशोक पंवार की ससुराल आमला में है और उनका साला जो 15 साल पहले लापता हो गया था जिसकी गुमशुदगी भी दर्ज कराई थी। इसके उत्तर प्रदेश बांदा से हाथी लेकर आमला आए एक महावत विलेश गिरी गोस्वामी को देखकर मृतक की ससुराल वालों को यह लगा कि महावत ही उनका गुमशुदा लडक़ा है। इससे महावत से ससुराल वालों का भाईचारा हो गया।
प्रापर्टी की लालच
एसएपी निश्चल एन झारिया ने बताया कि विलेश गिरी गोस्वामी को ऐसा लगने लगा था कि अशोक की ससुराल वाले उसे अपना लडक़ा मानते हैं इसी को लेकर अशोक की पत्नी बबीता रिश्ते में उसकी बहन हो गई थी। विलेश को ऐसा लगता था कि बबीता को उसके ससुराल वाले प्रताडि़त करते हैं। इसके अलावा बबीता के बड़े भाई का उनके जेठ से कोई विवाद भी हुआ था। यहीं से इस घटना की शुरूवात हुई थी और विलेश गोस्वामी और अशोक पंवार के परिवार के बीच में वैचारिक मतभेद शुरू हो गए थे। पुलिस ने बताया कि विलेश को लग रहा था कि अशोक पंवार की हत्या करवाने के बाद उसकी ससुराल की प्रापर्टी में से उसे हिस्सा मिलेगा और उसी हिस्से में से वह दूसरे आरोपी राजेश गिरी को भी हिस्सा देगा। यही उसका प्रापर्टी का लालच था।
मैसेज से खुलासा राज
पुलिस ने बताया कि अशोक पंवार के मोबाइल देर रात किए गए मैसेज जो कि डिलीट कर दिया गया था। मैसेज को रिकवर किया गया तो यही से पुलिस को सुराग मिला। दरअसल विलेश गिरी गोस्वामी की बबीता और उसकी बेटी सहित अन्य महिला परिजनों से मोबाइल पर बात होते रहती थी। इसी को लेकर पुलिस ने मोबाइल के मैसेज चेक किए थे। इसके अलावा विलेश गोस्वामी ने दुकान का फोटो भी दूसरे आरोपी को भेजा था और उसके बाद उसे भी डिलीट कर दिया था जिसे पुलिस ने रिकवर कर साक्ष्य के रूप में रखा है।
बुआ के लडक़े और सुपारी किलर ने की हत्या
पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में जो दो आरोपी दिख रहे थे उसमें नीली शर्ट पहने राजेश गिरी गोस्वामी था जो कि विलेश गिरी गोस्वामी की बुआ का लडक़ा है। वहीं दूसरा आरोपी खरगोन निवासी सुपारी किलर है जो कि अभी फरार चल रहा है। अशोक पंवार की हत्या की सुपारी भी विलेश गोस्वामी ने ही दी थी। फरार आरोपी ने ही गोली चलाई थी। दोनों आरोपियों के पास कट्टे थे। एक कट्टा पुलिस ने बरामद कर लिया है, दूसरे आरोपी की गिरफ्तारी के बाद कट्टा बरामद किया जाएगा।
इनकी हुई गिरफ्तारी
पुलिस ने बताया कि गंज क्षेत्र में व्यवसायी अशोक पवार की हत्या के मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों राजेश गिरी गोस्वामी पिता परसुराम गोस्वामी, उम्र 30 वर्ष, निवासी शेरपुर, थाना गैरवा, जिला बांदा (उत्तर प्रदेश) एवं विलेश गिरी पिता सेनगिरी महाराज, उम्र 40 वर्ष, निवासी पुरानी बिंदवारी, गांधीनगर, तहसील बांदा (उत्तर प्रदेश)को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या का कारण संपत्ति में लालच बताया जा रहा है, जिसमें मृतक की पत्नी के मायके पक्ष द्वारा एक आरोपी को मुंह बोला भाई मानकर संपत्ति में हिस्सेदारी देने की बात कही गई थी। इसी कारण आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया।
गोली मारकर की थी हत्या
दिनांक 18 मार्च 2025 को रात करीब 09:39 बजे, फरियादी रमेश पवार को दुकान के पास स्थित दुकानदार वरु आहुजा ने फोन पर सूचना दी कि उनके छोटे भाई अशोक पवार दुकान के काउंटर पर अचेत अवस्था में पड़े हैं और उनके सीने से खून निकल रहा है। सूचना मिलते ही फरियादी अपने छोटे भाई मनोज पवार एवं किरायेदार सुशील चौरे के साथ तुरंत दुकान पहुंचे, जहां अशोक पवार काउंटर पर सिर टिकाए हुए थे और गंभीर रूप से घायल थे। उन्हें तत्काल लस्करे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टर मौजूद न होने के कारण उन्हें जिला अस्पताल बैतूल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि उनके सीने पर गोली लगने का निशान है और उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
रैकी कर दिया घटना को अंजाम
सीसीटीवी फुटेज की जांच में सामने आया कि घटना से पहले दो संदिग्ध युवक दुकान के आसपास रेकी कर रहे थे और बाद में उनमें से एक युवक दुकान के अंदर घुसकर अशोक पवार को गोली मारता दिखा। इस आधार पर थाना गंज में अपराध क्रमांक 118/25, धारा 103(1), 3 (5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ की गई।
एसपी ने दिए थे गिरफ्तारी के निर्देश
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक बैतूल, निश्चल झारिया द्वारा तत्काल आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती कमला जोशी के मार्गदर्शन में विशेष पुलिस टीम गठित कर आरोपियों की तलाश शुरू की गई। वरिष्ठ अधिकारियों एवं एफएसएल टीम द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण कर भौतिक साक्ष्य संकलित किए गए। सीसीटीवी फुटेज और सायबर सेल की मदद से आरोपियों की पहचान की गई। तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर दो आरोपियों राजेश गिरी गोस्वामी पिता परसुराम गोस्वामी, उम्र 30 वर्ष, निवासी शेरपुर, थाना गैरवा, जिला बांदा (उत्तर प्रदेश) एवं विलेशगिरी पिता सेनगिरी महाराज, उम्र 40 वर्ष, निवासी पुरानी बिंदवारी, गांधीनगर, तहसील बांदा (उत्तर प्रदेश) को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से एक देशी कट्टा और वाहन भी जब्त किया है।
गिरफ्तारी में इनकी रही भूमिका
आरोपियों की गिरफ्तारी में एसडीओपी सुश्री शलिनी परस्ते, एसडीओपी शाहपुर मंयक तिवारी, थाना प्रभारी एवं निरीक्षक अरविंद कुमरे (थाना प्रभारी) निरीक्षक रविकांत डहेरिया, निरीक्षक आबिद अंसारी (प्रभारी, सीन ऑफ क्राइम), निरीक्षक जयपाल इनवाती, निरीक्षक मुकेश ठाकुर, उपनिरीक्षक इरफान कुरैशी, उपनिरीक्षक नितिन पटेल, उपनिरीक्षक राकेश सरयाम, उपनिरीक्षक रवि शाक्य, उपनिरीक्षक गजेन्द्र केन, सहायक उपनिरीक्षक उमेश बिल्लोरे, सहायक उपनिरीक्षक किशोरीलाल सल्लाम, प्रधान आरक्षक, प्रधान आरक्षक हितुलाल, प्रधान आरक्षक चन्द्रकिशोर, प्रधान आरक्षक मयुर, प्रधान आरक्षक सुभाष माकोड़े एवं अनिरुद्ध यादव नितिन, नवीन, शिव, सुरजीत जाट, मोहित भाटी, मनोज कोलारे, नरेन्द्र, धीरज काले एवं आरक्षकनीरज पांडे, सायबर सेल के अश्विनी चौधरी, आरक्षकों में राजेंद्र, बलराम, दीपेंद्र एवं पंकज, विजय, हेमंत, आकांक्षा तिवारी की सराहनीय भूमिका रही।
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