जबरन वसूली और वैवाहिक विवाद सुलझाने में संलिप्तता उजागर
Arrested: इंफाल— मणिपुर में सुरक्षाबलों ने फरवरी से अब तक 350 से अधिक उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है, जो जबरन वसूली और सामाजिक विवादों में हस्तक्षेप करने जैसी गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल थे। राष्ट्रपति शासन के बाद तेज़ हुए अभियानों के चलते इन संगठनों की फंडिंग रुक गई है, जिससे वे हताशा में अवैध वसूली और सामाजिक मामलों में दखल दे रहे हैं।
🔍 उग्रवादी बन गए ‘समाज के सुलझाने वाले’
अधिकारियों के अनुसार, इंफाल पूर्वी और पश्चिमी इलाकों से सबसे अधिक उग्रवादी पकड़े गए हैं। ये व्यक्तिगत झगड़े, पारिवारिक कलह और यहां तक कि वैवाहिक विवाद भी सुलझाने का दावा करते थे। हाल ही में “टाइगर” नामक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया, जो एक वैवाहिक विवाद में मध्यस्थता कर रहा था।
पुलिस जांच में सामने आया कि वह व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि प्रतिबंधित संगठन यूएनएलएफ का सदस्य लैशराम रमेश सिंह है। वह सरकारी अधिकारियों को धमकाकर लाखों रुपये की उगाही कर रहा था।
💸 21.5 लाख रुपये और मोबाइल बरामद
सुरक्षा बलों ने उसके पास से ₹21,50,000 नकद और दो मोबाइल फोन जब्त किए हैं। पूछताछ में उसने इंफाल और आस-पास के क्षेत्रों में अधिकारियों से अवैध वसूली की बात स्वीकार की है।
🛑 चार प्रमुख उग्रवादी संगठन शामिल
प्रशासन के मुताबिक, मणिपुर में जबरन वसूली में मुख्य रूप से निम्नलिखित प्रतिबंधित संगठन शामिल हैं:
- यूएनएलएफ (United National Liberation Front) – 530 सक्रिय सदस्य
- पीएलए (People’s Liberation Army) – 450 सदस्य
- केवाईकेएल (Kanglei Yawol Kanna Lup) – 25 सदस्य
- पीआरईपीएके (People’s Revolutionary Party of Kangleipak) – संख्या अज्ञात
इन संगठनों की गतिविधियों का दायरा जबरन वसूली से लेकर सामाजिक मामलों तक फैल गया है।
📢 प्रशासन ने आम जनता से की अपील
प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी जबरन वसूली या धमकी की घटना की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। सुरक्षाबलों की कार्रवाई से इन संगठनों की सामाजिक और आर्थिक पकड़ कमजोर होती दिखाई दे रही है।
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