Astrological Yogas:भोपाल। इस वर्ष रक्षाबंधन का पावन पर्व 9 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा। खास बात यह है कि इस बार का रक्षाबंधन भद्रा काल से मुक्त रहेगा, जिससे बहनें पूरे दिन किसी भी समय राखी बांध सकेंगी। साथ ही, 297 वर्षों बाद आ रहे दुर्लभ ग्रह-नक्षत्रों के संयोग ने इस पर्व को और भी विशेष बना दिया है।
विशेष ज्योतिषीय संयोग
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार, इस बार रक्षाबंधन पर श्रवण नक्षत्र, सौभाग्य योग, बव करण और पूर्णिमा तिथि का संयोग रहेगा। इस दिन चंद्रमा मकर राशि में रहेगा, जो शनि की राशि है, और शनिवार को रक्षाबंधन पड़ना अपने आप में दुर्लभ है।
“श्रवण नक्षत्र का स्वामी विष्णु है, और सौभाग्य योग के अधिपति ब्रह्मा माने गए हैं। ऐसे में यह पर्व विष्णु और ब्रह्मा दोनों की उपस्थिति में मनाया जाएगा, जो इसे आध्यात्मिक रूप से अत्यंत शुभ बनाता है,” — पं. डब्बावाला
297 वर्षों बाद 8 ग्रहों की विशेष स्थिति
रक्षाबंधन पर इस बार सूर्य कर्क, चंद्र मकर, मंगल कन्या, बुध कर्क, गुरु और शुक्र मिथुन, राहु कुंभ, और केतु सिंह राशि में स्थित रहेंगे। ज्योतिषियों के अनुसार, इस प्रकार का ग्रह योग आखिरी बार 1728 में बना था, और अब 2025 में पुनः बन रहा है।
सर्वार्थ सिद्धि योग में राखी का शुभ मुहूर्त
पं. डब्बावाला के अनुसार, सुबह से दोपहर 2:40 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा, जो किसी भी शुभ कार्य के लिए उत्तम माना गया है। इसके अलावा, सायंकाल में भी शुभ योग में राखी बांधी जा सकेगी।
🔹 रक्षाबंधन के विशेष संयोग 2025
योग/संयोग | विवरण |
---|---|
तिथि | 9 अगस्त, शनिवार |
नक्षत्र | श्रवण |
चंद्र राशि | मकर |
शुभ योग | सौभाग्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग |
ग्रह स्थिति | 8 ग्रहों की दुर्लभ युति (1728 के बाद पहली बार) |
भद्रा काल | नहीं रहेगा, पूरे दिन राखी बांध सकते हैं साभार… |
Leave a comment