अस्पताल जाने के लिए तैयार ही नहीं थे परिजन ने एंबुलेंस लौटाई
बीएमओ की समझाइश के बाद दो लोगों को भीमपुर में कराया भर्ती
Betul news: भीमपुर। आदिवासी बाहुल्य भीमपुर ब्लॉक के ग्राम खैरा में एक ही परिवार के दो लोगों की उल्टी और दस्त से मौत हो गई। इससे पूरे गांव में दहशत का माहौल है। उल्टी- दस्त की सूचना मिलने पर भीमपुर बीएमओ अपनी टीम के साथ ग्राम खैरा पहुंचे और पीडि़त परिजनों से मिले। इके बाद गांव का निरीक्षण किया। परिवार के अन्य दो सदस्यों को भीमपुर स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया हैं जहां उनका उपचार चल रहा हैं।
बीएमओ ने खुलवाया स्वास्थ्य केंद्र का ताला
ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले में सबसे बड़ी लापरवाही कर्मचारी सीएचओ की सामने आई हैं, जो अपनी मनमर्जी से उप स्वास्थ्य केंद्र खोलती है। गांव में स्थित उप स्वास्थ्य केन्द्र में हमेशा ताला लगा होने के चलते पीडि़तों को यहां समय पर उपचार नहीं मिला। बीएमओ बुधवार को सूचना पर निरीक्षण के बाद स्वास्थ्य केन्द्र का ताला खोला गया।
दो की मौत, अस्पताल जाने को तैयार नहीं थे परिजन
जानकारी के अनुसार खैरा निवासी हीरा बारस्कर (70) और उनकी पोती स्वाति (10) के साथ उनके ही परिवार के अन्य अन्य सदस्य उल्टी और दस्त से ग्रसित हुए थे। ग्राम सरपंच मांगीलाल बारस्कर ने बताया कि स्वास्थ्य केन्द्र को इसकी जानकारी दी गई थीं। हीरा बारस्कर शुगर और बीपी के मरीज थे। पीडि़तों को मोहटा स्वास्थ्य केन्द्र में भेजा गया। इसके बाद भीमपुर अस्पताल में भी इनका इलाज किया गया। बीएमओ डॉ. दीपक निगवाल ने बताया कि परिजनों को बैतूल जाने के लिए कहा, लेकिन वे लोग इलाज के बाद लौट गए। बताया गया कि परिजन हीरा को परतवाड़ा ले जा रहे थे, लेकिन उनकी रास्ते में मौत हो गई। इसके बाद बीएमओ डॉ. निगवाल अन्य पीडि़त को अस्पताल लाने के लिए एंबुलेंस भी भेजी, लेकिन परिजन बहाना बनाते रहे और दूसरे दिन स्वाति की भी मौत हो गई।
समझाईश पर अस्पताल में हुए भर्ती
सरपंच मांगीलाल और बीएमओ ने उल्टी दस्त से पीडि़त परिवार को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वे मान ही नहीं रहे थे। परिवार के दो लोगों की मौत होने के बाद भी परिवार के लोग अस्पताल जाने के लिए तैयार ही नहीं थे। बीएमओ ने गांव में जाकर पीडि़त परिवारों को समझाइश दी। इसके बाद कहीं सिर्फ दो लोग को ही भीमपुर अस्पताल ले जाकर भर्ती कर सकें। यहां इनका इलाज किया जा रहा हैं। ग्रामीणों ने बताया ग्राम खैरा में उपस्वास्थ्य केन्द्र है कभी खुलता है कभी नहीं खुलता यहां कर्मचारी मोहटा से आना-जाना करते हैं यहां रात्रि में कोई नहीं रुकता गांव में कभी इलाज करना होता है तो मोहटा ही जाना पड़ता है। इस मामले में सीएमएचओ ने कहा है कि स्वास्थ कर्मचारी से जानकारी निकाली जाएगी जांच के बाद दोषी कर्मचारियो पर कारवाई की जाएगी
मुख्यालय पर नहीं रहती सीएचओ
ग्रामीणों को कहना है कि यहां सीएचओ मुख्यालय पर नहीं रहती है। मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर मोहटा में रहती है, ऐसी स्थिति में अगर कोई रात्रि में बीमार हो जाए तो हमें 10 किलोमीटर दूर मोहटा जाना पड़ता है। इससे पहले भी कई बार सीएचओ की शिकायत की जा चुकी है लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सरकार लाखो रुपए खर्च कर नए-नए भवन बनाए जा रहे हैं जिससे कि बाहुल्य आदिवासी अंचल के ग्रामीणों को -अच्छी स्वस्थ सेवाएं मिले लेकिन लापरवाह स्वास्थ कर्मचारी के चलते सरकार की मनसा पर पानी फेरा जा रहा है,जिससे ग्रामीणों मे आक्रोश बढ़ता देखा जा रहा है। स्वास्थ्य दल द्वारा ग्राम में किए गए भ्रमण में उन्हें और मरीज नहीं मिले हैं। बीएमओ के द्वारा निर्देशित किया गया कि सीएचओ एएनएम ग्राम में निरन्तर घर-घर जाकर ग्रमीण को स्वास्थ सुविधाएं उपलब्ध कराया जाए।
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