बिजली कंपनी और ग्राम पंचायत पर लगे गंभीर आरोप
बैतूल। जनपद पंचायत बैतूल की ग्राम पंचायत जीन और मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी उत्तर संभाग के चिचोली वितरण केंद्र के ऊपर स्ट्रीट लाइट के कार्य में गंभीर आरोप लगाते हुए ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच ने शिकायत की है। शिकायत में बताया गया है कि जिस ठेकेदार के नाम पर वर्क आर्डर जारी हुआ था उस ठेकेदार से ग्राम पंचायत ने कार्य नहीं कराया बल्कि किसी दूसरे व्यक्ति से अनाधिकृत रूप से कार्य कराया है। शिकायत में यह भी आरोप है कि ढाना जीना की स्ट्रीट लाइट विगत दो वर्षों से बिना कनेक्शन के चालू है। पूर्व सरंपच ने पूरे मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने उत्तर संभाग के उपमहाप्रबंधक और जनपद पंचायत ैबैतूल के सीईओ को शिकायत की है।
तृप्ति इलेक्ट्रिकल्स को हुआ था वर्क आर्डर
ग्राम पंचायत जीन के पूर्व सरपंच ज्योति लीलाधर उघड़े के नाम से हुई शिकायत में बताया गया है कि उनके कार्यकाल में तृप्ति इलेक्ट्रिकल्स कोसमी को स्टीमेट क्रमांक 21-516-110822-21-0320/29/10/21 को स्वीकृत हुआ था। जिसका वर्क आर्डर नंबर 194 दिनांक 22.11.2021 है। इसके बाद चुनाव होने पर ग्राम पंचायत में सरपंच बदल गए और सरपंच-सचिव के द्वारा उस समय चिचोली वितरण केंद्र पर कार्यरत आऊटसोर्स कर्मचारी ललित सिसोदिया के द्वारा स्ट्रीट लाइट का कार्य कराया गया और उन्हें बिना वर्क आर्डर के भुगतान भी कर दिया गया है। शिकायत में आरोप लगाया है कि बिजली विभाग द्वारा स्ट्रीट लाइट का कोई बिल भी पंचायत को नहीं दिया गया है।
शिकायत की होगी जांच
उत्तर संभाग के उपमहाप्रबंधक अभय कुमार गोपे से सांध्य दैनिक बैतूलवाणी ने शिकायत के संबंध में चर्चा की तो उन्होंने बताया कि अभी तक उनके पास शिकायत की कापी नहीं आई है। अगर ऐसा कोई मामला है तो शिकायत की कापी आने पर जांच की जाएगी, जांच में दोषी होने पर कार्यवाही भी की जाएगी। वहीं स्ट्रीट लाइट का काम करने का जिस ललित सिसोदिया पर आरोप लगा है उनका कहना है कि पहले वे आऊटसोर्स कर्मचारी थे लेकिन नौकरी छोड़ दी है। उनके द्वारा ग्राम पंचायत जीन के ढाना जीना में स्ट्रीट लाइट का काम नहीं किया गया है। यह काम एसएस राजपूत फर्म के द्वारा किया गया है। एसएस राजपूत फर्म के सोहनसिंह राजपूत ने सांध्य दैनिक बैतूलवाणी को बताया कि तीन साल पहले उनके द्वारा यह काम किया गया था और यह काम हैंड ओव्हर भी हो चुका है।
तृप्ति इलेक्ट्रिकल्स ने नहीं किया काम
स्ट्रीट लाइट का वर्क आर्डर जिस फर्म तृप्ति इलेक्ट्रिकल्स को दिया गया था उस फर्म के द्वारा काम नहीं किया गया है। जानकारी यह भी मिली है कि इस फर्म ने स्टीमेट के बाद सुपरविजन राशि भी जमा की थी। अब सवाल यह है कि जिस बिजली ठेकेदार को कार्य करने के लिए वर्क आर्डर दिया था उस ठेकेदार ने अगर कार्य नहीं किया था तो दूसरे जिस ठेकेदार ने काम किया है उसे नया वर्क आर्डर जारी किया जाना था या नहीं यह तो जांच का विषय है। लेकिन इसके पहले भी उत्तर संभाग में ऐसी कई अनियमितताएं सामने आई हैं जिसकी जांच भी हुई हैं और संंबंधित ठेकेदारों के वर्क आर्डर भी बदले गए हैं। अब इस मामले में विभाग क्या एक्शन लेता है यह जांच के बाद सामने आएगा।
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