16 लाख रुपए की हुई व्यवस्था तो जिले सहित प्रदेश में रच सकते हैं कीर्तिमान
Betul news: बैतूल। नगर पालिका परिषद के तरण ताल में बतौर स्विमिंग कोच के पद पर पदस्थ दिव्यांग तैराक रामबरन पाल को इंग्लिश चैनल पार करने के लिए एसोसिएशन ने अनुमति दी है। लेकिन इसमें शामिल होने के लिए 16 लाख रुपए का खर्च आ रहा है। अगर रुपयों की व्यवस्था हुई और श्री पाल ने आयोजन में हिस्सा लेकर टास्क को पूरा किया तो निश्चित रूप से यह जिले सहित प्रदेश के लिए किसी कीर्तिमान से कम नहीं होगा।
36 किमी. का है चैनल
बैतूल नगरपालिका में कार्यरत 41 वर्षीय दिव्यांग तैराक रामबरन पाल सितंबर 2025 में इंग्लिश चैनल की 36 किलोमीटर लंबी चुनौतीपूर्ण तैराकी के लिए इंग्लैंड और फ्रांस के बीच जाने वाले हैं। यह अवसर उन्हें इंग्लैंड के स्विमिंग एसोसिएशन की ओर से मिला है। यदि वे इस कठिन चैनल को पार करते हैं, तो यह बैतूल और मध्य प्रदेश दोनों के लिए एक गौरवपूर्ण कीर्तिमान होगा।
कई पुरस्कार किए अपने नाम
रामबरन पाल बैतूल नगरपालिका के विवेकानंद वार्ड स्थित तरंग ताल के स्विमिंग कोच हैं। पैरों से दिव्यांग होने के बावजूद, उन्होंने कई उत्कृष्ट तैराक तैयार किए हैं। उनका स्विमिंग के प्रति जुनून और समर्पण उन्हें अन्य लोगों से अलग बनाता है। उन्होंने तीन बार अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। वर्ष 2005 में उन्हें मध्य प्रदेश सरकार के विक्रम अवार्ड से सम्मानित किया गया। वे पिछले छह साल से इंग्लिश चैनल पार करने के लिए प्रयास कर रहे थे और अब उनका सपना साकार होने जा रहा है।
चुनौतियों से भरा है इंग्लिश चैनल
रामबरन पाल का चयन इंग्लिश चैनल पार करने के लिए इंग्लैंड के स्विमिंग एसोसिएशन द्वारा किया गया है। इस प्रतियोगिता में चयन काफी कठिन होता है, लेकिन उनके रिकॉर्ड को देखते हुए उन्हें निमंत्रण दिया गया। यह प्रतियोगिता 20 से 25 सितंबर 2025 तक आयोजित की जाएगी। इंग्लिश चैनल की इस चुनौती के लिए रामबरन पाल को 16 लाख रुपये की आवश्यकता होगी। इस राशि का प्रबंध करने के लिए उन्होंने जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों से सहायता की अपील की है।
अब तक यह पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं रामबरन
तीन बार अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया। विक्रम अवार्ड से सम्मानित। कई सफल तैराक तैयार किए। अब इंग्लिश चैनल पार करने की तैयारी। रामबरन पाल जैसे प्रेरणादायक व्यक्तित्व न केवल अपनी सीमाओं को लांघते हैं, बल्कि समाज को यह संदेश देते हैं कि जुनून और मेहनत के आगे कोई भी बाधा टिक नहीं सकती। उनकी इस उपलब्धि से मध्य प्रदेश और देश का नाम रोशन होगा।
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