ग्रामवासियों ने बेंड बाजे के साथ किया स्वागत
आठनेर(विनोद कनाठे)। कहते हैं कि मेहनत करने वालो की कभी हार नहीं होती और बिना कुछ किए जय जयकार नहीं होती…यह कहावत सटिक बैठती है आठनेर विकासखण्ड क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले छोटे से गांव सातनेर के सामान्य परिवार के बेटे योगेश मनोहरे पर जिसने कड़ी मेहनत पर इतिहास रच दिया है। योगेश मनोहरे एमपीपीएससी 2022 में सफलता हासिल करने के बाद सहकारिता विभाग में संयुक्त आयुक्त के पद पर चयनित हुए हैं।
सफलता हासिल करने के बाद योगेश प्रथम आगमन पर 2 फरवरी रविवार चार बजे अपने ग्राम सातनेर पहुंचे। जैसे ही उनके आने की सूचना ग्रामीणों को लगी उन्होंने उनके स्वागत में पलकें बिछा दी। भव्य तैयारियों के साथ बैंड बाजे और पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया। ग्रामीणों ने बाजार चौक में छोटी सी सभा का आयोजन कर सभी ने चयनित योगेश मनोहरे का स्वागत किया।
हर माता-पिता का एक सपना होता है की उसका बेटा पढ़-लिख कर अफसर बने। जब सातनेर निवासी ग्राम पंचायत में रोजगार सहायक पद पर पदस्थ दिनेश मनोहरे का बेटा सफलता हासिल कर गांव आया तो माता- पिता की खुशी के मारे आंखें भर आईं। पिता ने बेटे को गले लगाकर शुभकामनाएं दी कहा कि आज मेरा बेटा योगेश अफसर बन गया।
कड़ी मेहनत से मिली सफलता- योगेश
सामान्य गांव में जन्मे योगेश मनोहरे की प्राथमिक शिक्षा जगदम्बा नवीन विद्यालय सातनेर में हुई, हाईस्कूल की पढ़ाई उत्कृष्ट विद्यालय बैतूल से की, महाविद्यालय गवर्मेंट होलकर साइंस कालेज से की और उसके बाद एमपीपीएससी की तैयारी में जुटे योगेश ने 2022 में सफलता हासिल कर सहकारिता विभाग में संयुक्त आयुक्त पद पर चयनित हुए।
योगेश मनोहरे ने मंच पर अपनी सफलता के पल साझा करते हुए कहा कि दो बार असफलता मिलने पर पिता ने सहास बढ़ाया और मैंने पुन: कड़ी मेहनत करनी शुरू की शिक्षा को लक्ष्य बनाकर आगे बढ़ाता रहा और आखिर कार मैं सफल हो गया। उन्होंने कहा कि छात्र जीवन, खुद के जीवन की शुरुआत है मैं चाहता हूं कि गांव और क्षेत्र से छात्र अपनी शिक्षा को लक्ष्य बनाकर आगे बढ़े निश्चित सफलता मिलेगी। सफलता अमेरी गरीबी नहीं देखती परिश्रम केवल सफलता देखती है।
गरीब किसान का बेटा भी चाह और लक्ष्य बनाएं तो बढ़े से बढ़ी उंचाई हासिल कर सकता है बस शर्त है कि उसमें हौसला होना चाहिए। इस सफलता का श्रेय योगेश मनोहरे ने ग्रामीणों का आशीर्वाद पिता की मेहनत, शिक्षकों की शिक्षा और खुद की कड़ी मेहनत को दिया। गांव के बेटे की सफलता पर ग्रामीणों ने इसे ऐतिहासिक पल मानते हुए कहा कि बेटे ने जिले और गांव का नाम रोशन कर दिया सामान्य परिवार का बेटा योगश दुसरे छात्रों के लिए एक प्रेरणा है कि मेहनत से सब कुछ हासिल किया जा सकता है।
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