50 लाख रुपए का निर्माण होने के बाद भी है अधूरा

Betulwani Expose: बैतूल। नगर के कोठीबाजार मोक्षधाम में शायद ही कोई ऐसा जनप्रतिनिधि या फिर अफसर होगा जो कि यहां पर किसी ना किसी की अंत्येष्टि में गया नहीं हो। बावजूद इसके जनप्रतिनिधि और अफसरों की आंख में लगभग 50 लाख रुपए से निर्मित इलेक्ट्रिक शव दाह गृह जो कि विगत कई वर्षों से अधूरा पड़ा है इसको लेकर आज तक कोई पहल नहीं की गई है जिससे की इसे प्रारंभ किया जा सके और लकड़ी की बचत हो सके। यदि इलेक्ट्रिक शवदाह गृह प्रारंभ हो जाता है तो इससे पर्यावरण संरक्षण भी होगा क्योंकि इसमें लकड़ी की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
गुजरात की कंपनी ने अधूरा छोड़ा
नगर के कोठीबाजार मोक्षधाम में नगर पालिका ने बडोदरा गुजरात की अल्फा इंक्यूपमेंट कंपनी को लगभग 50 लाख रुपए में इलेक्ट्रिक शवदाह गृह बनाने का ठेका दिया गया था। जो पिछले तीन वर्षों से बन रहा है लेकिन आज तक पूर्ण नहीं हो सका है और जितना बना है वह भी अनुपयोगी साबित हो रहा है। इतना ही नहीं कंपनी का ठेकेदार और इंजीनियर विगत 1 साल से इसकी सुध लेने तक नहीं आए हैं और ना ही कंपनी के टेक्रिशियन ने आज तक ओके रिपोर्ट दी है ताकि यह प्रारंभ हो सके। बताया जा रहा है कि किसी जानवर से इसका टेस्टिंग करवाया जाएगा उसके बाद ही यह नगर पालिका को हैंडओव्हर होगा लेकिन कंपनी की लापरवाही के कारण यह प्रक्रिया भी अधूरी पड़ी है। बताया जाता है कि एक साल पहले ही इस इलेक्ट्रिक मोक्षधाम का फरर्नेस भी बनकर तैयार हो चुका है जिसमें जंक लगना शुरू हो गया है। कोविड के बाद ही सरकार ने इसके लिए बजट दिया था। पता लगा है कि ठेकेदार को इस काम के लिए काफी भुगतान हो चुका है।
चिता जलाने के बाद छोड़ते हैं राखड़
कोठीबाजार मोक्षधाम में चिता जलाने के बाद परिजन मृतक की अस्थियां तो ले जाते हैं लेकिन राखड़ वहीं छोड़ देते हैं जिससे साफ सफाई के अभाव में यहां पर गंदगी फैल रही है। जबकि होना यह चाहिए कि जिसकी भी अंत्येष्टि हुई है उसी के परिजनों को यहां पर सफाई भी करना चाहिए। स्थानीय लोग परिजनों के शव दहन करने तो आते हैं, लेकिन दहन के बाद की अनिवार्य सफाई प्रक्रिया का पालन नहीं कर रहे हैं। स्थिति यह है कि परिजन अस्थियां तो लेकर जा रहे हैं, लेकिन राख वहीं छोड़ दे रहे हैं। कई बार अधजली लकडिय़ां भी बिना हटाए छोड़ दी जाती हैं। ऐसे में जब दूसरा शव दहन के लिए लाया जाता है, तो नए आए परिजनों को पहले स्थान की सफाई खुद करनी पड़ती है। इससे शोकाकुल परिवारों को और अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
नपा भी नहीं दे रही है ध्यान
मोक्षधाम नगर पालिका बैतूल के अधीन आता है, लेकिन नगर पालिका प्रबंधन साफ-सफाई और रखरखाव पर किसी तरह का ध्यान नहीं दे रहा है। नगर पालिका के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और अधिकारी चाहे तो मोक्षधाम का कायाकल्प आसानी से कर सकते हैं, किन्तु अनदेखी के कारण स्थिति और बिगड़ रही है। इसी बीच समाजसेवी नवीन तातेड मोक्षधाम की सफाई के लिए प्रति माह राशि दे रहे हैं और मोक्षधाम की एक समिति भी गठित की गई है, जो कुछ हद तक व्यवस्था सुधारने का प्रयास करती है। इसके बावजूद अव्यवस्थाएं जस की तस बनी हुई हैं। परिजन शव दहन के लिए आते हैं, लेकिन मोक्षधाम की दुर्दशा देख निराश हो रहे हैं।
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