लगेगा माइक्रोवेव रेडियोमीटर और विंड प्रोफाइलर
Big step: भोपाल | मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अब मौसम की जानकारी और ज्यादा सटीक व पूर्वानुमेय हो सकेगी। इसके लिए भोपाल मौसम विज्ञान केंद्र में जल्द ही माइक्रोवेव रेडियोमीटर और विंड प्रोफाइलर लगाए जाएंगे। दोनों उपकरणों के लिए प्रस्ताव तैयार कर केंद्रीय मौसम विभाग को भेज दिया गया है।
🔬 क्या है माइक्रोवेव रेडियोमीटर?
- यह एक विशेष उपकरण है जो 0.3 से 300 गीगाहर्ट्ज़ की माइक्रोवेव तरंगों के माध्यम से वातावरण से उत्सर्जित ऊर्जा को मापता है।
- इसका प्रयोग मौसम पूर्वानुमान, जलवायु अध्ययन, रिमोट सेंसिंग और रेडियो खगोल विज्ञान में होता है।
- यह जमीन से लेकर 7 से 10 किलोमीटर की ऊँचाई तक नमी और तापमान की जानकारी देता है।
🌬️ विंड प्रोफाइलर क्या करता है?
- यह एक रेडार आधारित उपकरण होता है जो वायुमंडल की ऊंचाई पर हवा की गति और दिशा को मापता है।
- इससे आंधी-तूफान, बारिश और चक्रवात की भविष्यवाणी और भी अधिक सटीकता से की जा सकती है।
📡 अभी GPS और सैटेलाइट पर निर्भर है मौसम जानकारी
वर्तमान में मौसम केंद्र GPS और उपग्रह आधारित डाटा के जरिए तापमान व नमी की जानकारी जुटाता है। लेकिन ये उपकरण स्थानीय स्तर पर सटीक और त्वरित आंकड़े उपलब्ध कराएंगे, जिससे फसलों, यात्रा और आपदा प्रबंधन से जुड़ी योजनाओं में मदद मिलेगी।
🛠️ भविष्य के लिए तैयार हो रहा मौसम विभाग
- मौसम विभाग देशभर में ऑब्जर्वेशन नेटवर्क को अपग्रेड करने की दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है।
- भोपाल में इन दो उन्नत उपकरणों के स्थापना के प्रस्ताव को प्राथमिकता दी जा रही है।
- प्रस्ताव मंजूर होते ही जल्द ही काम शुरू किया जाएगा।
📈 क्या बदलेगा इससे?
- बारिश, आंधी, तूफान और हीटवेव की पूर्व चेतावनी ज्यादा सटीक होगी।
- किसानों, नागरिक प्रशासन और आम लोगों को अधिक समय पहले मिल सकेगी जानकारी।
- आपदा प्रबंधन और खेतों की सिंचाई योजना में भी सुधार होगा।
- साभार…
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