Board Exams: मध्य प्रदेश में बोर्ड परीक्षाओं के दौरान पेपर लीक को रोकने के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) ने इस बार कई सख्त कदम उठाए हैं। पिछले साल (2023) 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में पेपर लीक की घटनाओं ने छात्रों और प्रशासन को चिंता में डाल दिया था। इसे देखते हुए, इस साल पेपर लीक रोकने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग और अधिकारियों की जिम्मेदारी बढ़ाई गई है।
पेपर लीक रोकने के लिए उठाए गए कदम
1. मोबाइल ऐप के जरिए निगरानी
मंडल ने MPBSE.conductofexam.in नामक मोबाइल ऐप विकसित किया है, जिससे पूरे पेपर वितरण प्रक्रिया की निगरानी की जाएगी। यह ऐप रियल-टाइम में कलेक्टर, बोर्ड अधिकारियों और अन्य जिम्मेदार व्यक्तियों को पेपर की स्थिति और गतिविधियों पर नजर रखने में मदद करेगा।
2. कलेक्टर प्रतिनिधियों की नई जिम्मेदारियां
- मोबाइल सीलिंग: परीक्षा केंद्र पर सभी स्टाफ के मोबाइल फोन बंद कराकर सील किए जाएंगे।
- पेपर बॉक्स की निगरानी: पेपर के बॉक्स परीक्षा केंद्र पर केवल निर्धारित समय पर ही खोले जाएंगे।
- रियल-टाइम अटेंडेंस: केंद्राध्यक्ष, पर्यवेक्षकों और उड़न दस्ते की अटेंडेंस ऐप के जरिए ली जाएगी।
- लोकेशन ट्रैकिंग: कलेक्टर प्रतिनिधि और उड़न दस्ते के अधिकारी अपनी लोकेशन और गतिविधियां ऐप पर अपडेट करेंगे।
3. पेपर लीक रोकने के लिए सख्त प्रोटोकॉल
- कलेक्टर प्रतिनिधि सुबह 10 बजे तक परीक्षा केंद्र पर मौजूद रहेंगे।
- परीक्षा केंद्र पर पेपर बॉक्स खोलने और वितरण के समय की सख्त निगरानी होगी।
- पेपर लीक रोकने के लिए परीक्षा शुरू होने के एक घंटे पहले तक किसी भी कर्मचारी को केंद्र छोड़ने की अनुमति नहीं होगी।
केंद्राध्यक्ष की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव
पिछली घटनाओं से सीख लेते हुए, केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्ष की नियुक्ति प्रक्रिया को अब जिला प्रशासन के अधीन कर दिया गया है।
- कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति केंद्राध्यक्षों का चयन करेगी।
- संदिग्ध पृष्ठभूमि वाले या परीक्षा में गड़बड़ी के मामलों में शामिल रहे कर्मचारियों को नियुक्ति से बाहर रखा जाएगा।
- जिन शिक्षकों के बच्चे बोर्ड परीक्षा दे रहे हैं, उन्हें केंद्राध्यक्ष या सहायक केंद्राध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा।
छात्रों के लिए प्रोटोकॉल
- परीक्षा केंद्र पर छात्रों को परीक्षा शुरू होने से एक घंटा पहले पहुंचना होगा।
- परीक्षा हॉल में प्रवेश परीक्षा शुरू होने के 30 मिनट पहले होगा।
- देरी से आने वाले छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- नकल करते पकड़े जाने पर संबंधित विषय की परीक्षा रद्द कर दी जाएगी।
- सामूहिक नकल की स्थिति में सभी छात्रों की परीक्षाएं रद्द की जाएंगी।
पेपर लीक की घटनाओं से सबक
2023 में हुई पेपर लीक घटनाओं के बाद जांच समिति ने तीन प्रमुख कारण गिनाए थे:
- कलेक्टर प्रतिनिधियों का सेंटर पर न रुकना।
- स्टाफ के मोबाइल फोन बंद करने की उचित व्यवस्था का अभाव।
- केंद्राध्यक्ष द्वारा पेपर बॉक्स निर्धारित समय से पहले खोलना।
सख्त नियमों का पालन
माध्यमिक शिक्षा मंडल ने साफ किया है कि किसी भी कर्मचारी या अधिकारी द्वारा नियमों का उल्लंघन करने पर मध्य प्रदेश परीक्षा अधिनियम 1937 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। गोपनीयता भंग करने वालों को भविष्य में परीक्षा ड्यूटी से प्रतिबंधित किया जाएगा। इस बार मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से पेपर लीक रोकने के लिए उठाए गए कदम काफी सख्त और तकनीकी रूप से उन्नत हैं। यदि इन प्रोटोकॉल्स का पूरी तरह से पालन हुआ, तो परीक्षा प्रक्रिया पारदर्शी और सुरक्षित होने की संभावना है।
source internet… साभार….
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