सोना-चांदी में ₹60,000 करोड़ की बिक्री
Broke records: नई दिल्ली। इस साल धनतेरस पर देशभर के बाजारों में जबरदस्त रौनक देखने को मिली। ऑल इंडिया ट्रेडर्स कॉन्फेडरेशन (CAIT) के मुताबिक, भारतीयों ने इस बार धनतेरस पर करीब 1 लाख करोड़ रुपए की खरीदारी की, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। इसमें सबसे बड़ा हिस्सा सोना-चांदी की खरीद का रहा, जिसकी कुल बिक्री 60,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में करीब 25% ज्यादा है।
🪙 सोना-चांदी की खरीद ने दिखाया दम
CAIT की ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के नेशनल प्रेसिडेंट पंकज अरोड़ा ने बताया कि इस बार ज्वेलरी बाजारों में दो दिनों तक ऐसी भीड़ रही जैसी पहले कभी नहीं देखी गई।
सिर्फ दिल्ली में ही 10,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की बिक्री दर्ज की गई।
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के नेशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता ने बताया कि रिकॉर्ड हाई दामों के कारण सोने की मात्रा में करीब 10% की गिरावट आई, लेकिन कुल मूल्य में तेज उछाल देखने को मिला।
पिछले साल धनतेरस पर करीब 39 टन सोना बिका था, जबकि इस साल यह आंकड़ा लगभग 36 टन तक रहने की उम्मीद है।
जेम एंड ज्वैलरी काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन राजेश रोकड़े ने कहा कि मात्रा में गिरावट के बावजूद ग्राहकों का जोश बरकरार रहा। ऊंचे दामों के बावजूद लोग स्मार्ट शॉपिंग और शादी की तैयारी के लिए खरीदारी कर रहे हैं।
इस बार सोने के सिक्कों की मांग सबसे ज्यादा रही।
कीमतों में जबरदस्त उछाल:
- सोना 2024 के अंत में ₹76,162 प्रति 10 ग्राम था, जो अब ₹1,29,584 पर पहुंच गया — यानी ₹53,422 (70%) की वृद्धि।
- चांदी ₹86,017 प्रति किलो से बढ़कर ₹1,69,230 प्रति किलो हो गई — यानी ₹83,213 (97%) की बढ़ोतरी।
🍲 बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक्स और मिठाइयों की भारी बिक्री
CAIT के मुताबिक, धनतेरस पर पारंपरिक रूप से शुभ मानी जाने वाली धातुओं और घरेलू उत्पादों की बिक्री भी जोरदार रही —
- बर्तन और किचन अप्लायंस: ₹15,000 करोड़
- इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद: ₹10,000 करोड़
- डेकोरेटिव, पूजा सामग्री और लाइटिंग आइटम: ₹3,000 करोड़
- टेक्सटाइल, मिठाई, फल, वाहन आदि: ₹12,000 करोड़
CAIT के सेक्रेटरी जनरल प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि GST दरों में सुधार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘लोकल प्रोडक्ट्स’ अभियान ने खरीदारी को बढ़ावा दिया।
उन्होंने कहा कि इस बार लोग विदेशी ब्रांडों के बजाय भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे छोटे व्यापारी, कारीगर और घरेलू मैन्युफैक्चरर्स को बड़ा लाभ हुआ है।
पैनासोनिक लाइफ सॉल्यूशंस के डायरेक्टर संदीप सेठगल ने बताया कि इस बार सुबह से ही ग्राहकों की भीड़ रही।
बड़ी स्क्रीन वाले टीवी (55 इंच और ऊपर) और एयर कंडीशनर कैटेगरी में बिक्री में करीब 30% की ग्रोथ देखने को मिली।
🚗 ऑटो सेक्टर में भी धन वर्षा — ₹8,000 करोड़ की कारें बिकीं
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (FADA) ने अनुमान लगाया कि धनतेरस के दो दिनों में करीब 1 लाख नई कारों की बिक्री हुई, जिसका कुल मूल्य 8,000 करोड़ रुपए रहा।
यह पिछले साल की तुलना में 20-25% की वृद्धि दर्शाता है।
- मारुति सुजुकी: 50,000 यूनिट्स (पिछले साल 42,000)
- हुंडई मोटर इंडिया: 14,000 यूनिट्स (20% ज्यादा)
- अन्य कंपनियां (टाटा, महिंद्रा, टोयोटा, किआ): ~35,000 यूनिट्स
लोकप्रिय मॉडल्स:
मारुति की Brezza, टाटा की Nexon, महिंद्रा की Scorpio N और XUV700, टोयोटा की Fortuner और किआ की Seltos सबसे ज्यादा डिमांड में रहीं।
मारुति सुजुकी इंडिया के सीनियर एक्जीक्यूटिव ऑफिसर पार्थो बनर्जी ने कहा कि शनिवार-रविवार दोनों दिन होने से ग्राहकों को सुविधा मिली और डिलीवरी 50,000 यूनिट्स तक पहुंच सकती है।
हुंडई के MD और CEO तरुण गर्ग ने कहा कि GST 2.0 रिफॉर्म्स और मजबूत बाजार माहौल से ऑटो सेक्टर में सकारात्मक रुझान देखने को मिल रहा है।
📈 त्योहारों ने बढ़ाई अर्थव्यवस्था की रफ्तार
कुल मिलाकर, इस बार धनतेरस ने न सिर्फ व्यापारियों की मुस्कान बढ़ाई बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था में भी त्योहारी जोश का संचार किया।
रिकॉर्ड बिक्री से यह साफ है कि ऊंची कीमतों और महंगाई के बावजूद भारतीय उपभोक्ता विश्वास मजबूत बना हुआ है, और ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों की ओर झुकाव लगातार बढ़ रहा है।
साभार…
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