Cancer: नई दिल्ली। कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका नाम सुनते ही मन में डर बैठ जाता है। यह शरीर के किसी भी हिस्से में धीरे-धीरे विकसित हो सकता है और समय पर इलाज न मिले तो जानलेवा साबित हो सकता है। डॉक्टरों का मानना है कि कैंसर की सबसे बड़ी चुनौती इसकी शुरुआती स्टेज पर पहचान है, क्योंकि इसके लक्षण बहुत हल्के होते हैं। यही वजह है कि कैंसर को चार चरणों (Stages) में बांटा गया है।
स्टेज-1
- कैंसर की शुरुआत इसी स्तर से होती है।
- गांठ का आकार 2 सेंटीमीटर से छोटा होता है और यह केवल अपनी जगह तक सीमित रहता है।
- कोई खास लक्षण महसूस नहीं होते।
- नियमित जांच से इसकी पहचान आसानी से हो सकती है और इलाज के सफल होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है।
स्टेज-2
- गांठ का आकार 2 सेंटीमीटर से बड़ा हो जाता है।
- बीमारी अभी भी मुख्य रूप से उसी क्षेत्र तक सीमित रहती है।
- मरीज को गांठ या सूजन महसूस हो सकती है, थकान या असामान्य बदलाव भी नजर आ सकते हैं।
- सर्जरी, रेडिएशन और दवाइयों से उपचार संभव है, लेकिन चुनौती स्टेज-1 से ज्यादा होती है।
स्टेज-3
- कैंसर आसपास की लसीकाग्रंथियों (lymph nodes) तक फैल जाता है।
- गांठ का आकार बड़ा हो जाता है और लक्षण स्पष्ट नजर आने लगते हैं।
- यह अवस्था गंभीर मानी जाती है और लंबे इलाज की जरूरत होती है।
- समय रहते इलाज न हो तो कैंसर तेजी से चौथे चरण में पहुंच सकता है।
स्टेज-4
- सबसे घातक और Advanced Cancer कहलाने वाला चरण।
- कैंसर शरीर के दूसरे महत्वपूर्ण अंगों (फेफड़े, लिवर, हड्डियां, दिमाग) तक फैल जाता है।
- इलाज का उद्देश्य मरीज की तकलीफ कम करना और जीवन को लंबा बनाए रखना होता है।
क्यों जरूरी है समय पर जांच?
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर कैंसर शुरुआती स्टेज पर पकड़ में आ जाए तो मरीज के जीवन बचने की संभावना बहुत ज्यादा होती है।
- नियमित हेल्थ चेकअप जरूरी है।
- किसी भी गांठ, असामान्य सूजन, लंबे समय तक खांसी या थकान को हल्के में न लें।
- परिवार में कैंसर का इतिहास हो तो और भी सतर्क रहें।
- साभार…
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