Census: नई दिल्ली | भारत की अगली जनगणना ऐतिहासिक रूप से अहम होने जा रही है। पहली बार यह कवायद डिजिटल माध्यम से और आधुनिक जीवनशैली से जुड़े सवालों के साथ की जा रही है। इसके जरिए सरकार सिर्फ जनसंख्या का आंकड़ा नहीं, बल्कि देश की सामाजिक-आर्थिक तस्वीर का बारीकी से अध्ययन करेगी।
सरकार की योजना अनुसार इस कार्य में करीब 34 लाख गणनाकर्ता और पर्यवेक्षक लगेंगे, जबकि लगभग 1.3 लाख डिजिटल प्रशिक्षित कर्मचारी टैब और मोबाइल के जरिये डेटा संग्रह करेंगे। पूरी जनगणना पर 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक का खर्च अनुमानित है।
🧬 आजादी के बाद पहली बार होगी जातिगत जनगणना
यह जनगणना इसलिए भी खास है क्योंकि आजादी के बाद पहली बार जाति-आधारित जानकारी भी जुटाई जाएगी। पिछली बार अंग्रेजों ने 1931 में ऐसी जाति-आधारित जनगणना की थी। अब लगभग 94 साल बाद देश को यह समग्र सामाजिक डेटा मिलने जा रहा है।
📌 जनगणना 2025: नए सवाल, नया नजरिया
नए प्रश्नों के माध्यम से सरकार विकास, तकनीक और सामाजिक समावेशन के नए मानकों को मापने का प्रयास कर रही है। कुछ मुख्य सवाल निम्न हैं:
🏠 घर में किस तरह का अनाज प्रयोग होता है?
सरकार जानना चाहती है कि परिवार मुख्य रूप से गेहूं, बाजरा, ज्वार, मक्का, रागी या अन्य किस अनाज का उपयोग करता है। इससे मिलेट्स मिशन, पोषण नीति और खाद्य सुरक्षा योजनाओं को मजबूती मिलेगी।
🌐 क्या घर में इंटरनेट कनेक्शन है?
यह सवाल डिजिटल इंडिया अभियान की पहुंच और प्रगति को मापने के लिए है। साथ ही यह भी जाना जाएगा कि कितने डिवाइस इंटरनेट से जुड़े हैं। इससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के डिजिटल डिवाइड को समझने में मदद मिलेगी।
🚗 कौन-कौन सी गाड़ी है?
परिवार के पास साइकिल, बाइक, स्कूटर, कार, वैन जैसे वाहन हैं या नहीं, यह जानकारी आर्थिक हैसियत और ट्रांसपोर्ट एक्सेस को रेखांकित करेगी।
📱 मोबाइल और स्मार्टफोन कितने हैं और किसके नाम पर हैं?
यह आंकड़ा डिजिटल साक्षरता, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और वित्तीय समावेशन के विश्लेषण में मदद करेगा। सरकार यह भी देखेगी कि मोबाइल/स्मार्टफोन की संपत्ति किसके पास है — पुरुष, महिला या बच्चे?
💧 पीने का पानी किस स्रोत से आता है?
नल, हैंडपंप, कुआं, बोतलबंद पानी या अन्य स्रोतों की जानकारी के जरिए जल जीवन मिशन और स्वास्थ्य-संवेदनशील योजनाओं की प्रगति का आकलन होगा।
🔥 गैस कनेक्शन और ईंधन का प्रकार क्या है?
परिवार खाना पकाने के लिए LPG, PNG, बायोमास, लकड़ी या गोबर का उपयोग करता है या नहीं, यह सवाल उज्ज्वला योजना और क्लीन एनर्जी मिशन की प्रभावशीलता पर रोशनी डालेगा।
📲 जनगणना में डेटा संग्रह की तकनीक
यह पहली बार होगा जब जनगणना पूरी तरह टैबलेट और मोबाइल ऐप आधारित होगी। इससे न केवल डेटा की गुणवत्ता और विश्वसनीयता बढ़ेगी, बल्कि डेटा प्रोसेसिंग समय भी घटेगा। हर कर्मी को real-time GPS tracking से जोड़ा जाएगा, ताकि प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
🔍 समाज और नीति के लिए क्या मायने रखती है यह जनगणना?
- राज्यों को सही आबादी के हिसाब से संसाधन वितरण मिलेगा।
- जातिगत आंकड़े आरक्षण, सामाजिक न्याय और कल्याण योजनाओं की दिशा तय करेंगे।
- मिलेट्स, डिजिटल इंडिया, उज्ज्वला, जल जीवन मिशन जैसी योजनाएं डेटा के आधार पर और सटीक तरीके से लागू हो सकेंगी।
- साभार…
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