Chaos: रतनगढ़, चूरू | राजस्थान के चूरू जिले के रतनगढ़ में चल रही शिव महापुराण कथा के पहले दिन ही तेज आंधी ने आयोजन स्थल पर कहर बरपा दिया। तेज हवाओं से विशाल पांडाल उखड़ गया, जिससे मौके पर भगदड़ मच गई और एक महिला सहित तीन श्रद्धालु घायल हो गए। अफरा-तफरी में कई महिलाओं की सोने की चेन चोरी होने की भी सूचना मिली है।
बिना प्रशासनिक अनुमति हो रहा था आयोजन
इस कथा आयोजन को लेकर प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। बावजूद इसके, आयोजकों ने अनुमानित 2 से 2.5 लाख श्रद्धालुओं की भीड़ को लेकर डोम और टेंट लगवाए थे। रतनगढ़ एसडीएम रामकुमार वर्मा ने बताया कि आयोजक दिनेश कुमार लाहोटी को पहले ही बताया गया था कि जब तक सुरक्षा, पार्किंग और अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित नहीं होतीं, तब तक अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही मौसम खराब होने की चेतावनी भी दी गई थी, फिर भी आयोजन शुरू कर दिया गया।
पुलिस ने चलाया राहत और बचाव अभियान
घटना की सूचना मिलते ही रतनगढ़ थानाधिकारी दिलीप सिंह शेखावत मौके पर पहुंचे और पुलिस टीम के साथ मिलकर टेंट में फंसे श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकाला। एडीएम मंगलाराम, एएसपी दिनेश कुमार और एसडीएम रामकुमार भी तुरंत स्थल पर पहुंचे। एसपी जय यादव ने पुष्टि की कि घायलों को रतनगढ़ सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
बड़ी चूक, बड़ी भीड़ – प्रशासन सतर्क
मौके पर मौजूद कई लोगों ने सवाल उठाए कि इतनी विशाल संख्या में लोगों के शामिल होने की संभावना होने के बावजूद कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए थे। श्री नंदीशाला, सरदारशहर बाइपास पर आयोजित इस कथा का कार्यक्रम 11 से 17 अप्रैल, दोपहर 1 से शाम 4 बजे तक चलने वाला था।
संदेश: असावधानी से हो सकती है बड़ी जनहानि
यह हादसा इस बात की गंभीर याद दिलाता है कि बिना प्रशासनिक अनुमति और पर्याप्त सुरक्षा इंतजामों के कोई भी बड़ा धार्मिक या सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करना खतरनाक हो सकता है। इस घटना में किसी की जान नहीं गई, लेकिन यह लापरवाही भविष्य में और भी गंभीर परिणाम दे सकती थी।
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