अध्यक्ष का कार्यकाल 5 साल करने का सुझाव
Consent: नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में अब संगठनात्मक चुनावों को एकसाथ कराने की दिशा में गंभीर पहल हो रही है। इससे मंडल से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक का चुनाव एक निश्चित समयसीमा में संपन्न हो सकेगा। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि इससे संगठनात्मक कार्यों में एकरूपता और समन्वय बनेगा।
26 राज्यों में चुनाव पेंडिंग, एक हफ्ते में प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश
भाजपा के पास फिलहाल 26 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में संगठनात्मक चुनाव लंबित हैं। पार्टी ने सभी प्रदेश यूनिट्स को निर्देश दिया है कि अगले 7 दिनों में यह प्रक्रिया पूरी कर लें। यदि कहीं अड़चन है तो उसे अगले महीने तक निपटाना होगा।
पार्टी के वरिष्ठ नेता के अनुसार:
“एक देश, एक चुनाव की तर्ज पर एक संगठन, एक चुनाव का सैद्धांतिक फैसला लिया गया है।”
सभी प्रदेशाध्यक्षों का कार्यकाल साथ शुरू होगा
भाजपा नेतृत्व चाहता है कि सभी प्रदेशाध्यक्षों का कार्यकाल एकसाथ शुरू हो, जिससे उन्हें अगले 3 साल तक पूरी अवधि काम करने का अवसर मिले। प्रदेश चुनावों के ठीक सात दिन बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की तिथि घोषित की जाएगी।
अध्यक्ष का कार्यकाल 3 से बढ़ाकर 5 साल करने का सुझाव
बैठकों में इस बात पर भी चर्चा हुई कि अध्यक्षों का कार्यकाल तीन साल की बजाय पांच साल किया जाए, ताकि चुनावी तैयारियों में निरंतरता बनी रहे। अभी अध्यक्षों को अधिकतम 3+3 साल यानी दो कार्यकाल तक अवसर मिलता है। मगर लोकसभा चुनाव से पहले कार्यकाल पूरा होना, और उस समय नेतृत्व परिवर्तन होने से संगठन में असमंजस की स्थिति बनती है।
अंतिम निर्णय भाजपा का संसदीय बोर्ड लेगा।
500 गैर-राजनीतिक युवा होंगे शामिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर भाजपा में गैर-राजनीतिक पृष्ठभूमि के युवाओं को शामिल करने की योजना है।
पार्टी निकाय से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक दो-दो युवा (महिला और पुरुष) को टीम में शामिल करेगी। इससे 500 नए चेहरों को भाजपा संगठन में जिम्मेदारी मिलने की संभावना है।
मुख्य बातें संक्षेप में
- संगठन चुनाव अब एकसाथ होंगे
- सभी प्रदेशाध्यक्षों का कार्यकाल एकसाथ शुरू होगा
- अध्यक्षों का कार्यकाल 5 साल करने का सुझाव
- राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव राज्य अध्यक्षों के चुनाव के 7 दिन बाद
- 500 गैर-सियासी युवाओं को संगठन में जगह
- साभार…
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