Crisis: डेस्क: हाल ही में असम की एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर का नकली एआई वीडियो वायरल हुआ। यह वीडियो डीपफेक तकनीक से तैयार किया गया था, जिसमें लड़की को अश्लील रूप में दिखाया गया था। बनाने वाला उसका जानकार निकला।
🧠 कैसे होता है चेहरों के साथ खिलवाड़?
- हजारों तस्वीरों से एआई मॉडल को ट्रेन्ड किया जाता है
- चेहरा किसी अश्लील वीडियो पर चिपका दिया जाता है
- वीडियो या फोटो को वायरल करके ब्लैकमेल किया जाता है
🚨 एआई से जुड़े खतरे
- डीपफेक और मॉर्फिंग
- फेक प्रोफाइल से पहचान की चोरी
- ऑटोमेटेड मैसेज से यौन उत्पीड़न
- झूठी खबरें और अफवाहें फैलाना
🛡️ कैसे करें बचाव?
क्षेत्र | उपाय |
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🔒 प्राइवेसी सेटिंग्स | सोशल मीडिया को प्राइवेट रखें, हाई-क्वालिटी तस्वीरों से बचें |
🔐 2-Factor Authentication | सभी अकाउंट्स में सुरक्षा बढ़ाएं |
🕵️♀️ असली-नकली पहचानें | पलकें कम झपकना, बैकग्राउंड गड़बड़ हो तो जांचें |
🛠️ तकनीकी उपाय | वॉटरमार्क लगाएं, फेस-प्रोटेक्ट ऐप्स इस्तेमाल करें |
⚖️ कानूनी सहायता लें | Cybercrime.gov.in पर शिकायत करें, वकील की सलाह लें |
👁️ सावधानी ही बचाव है
महिलाओं के लिए जरूरी है डिजिटल जागरूकता। सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरों, जानकारी और गतिविधियों को सावधानी से साझा करें। हर पोस्ट के पहले सोचें – क्या इससे आपकी पहचान या सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है?
साभार…
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