Tuesday , 20 May 2025
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Instruction: हर शहर में “सखी-निवास”, आंगनवाड़ियों की स्थिति में सुधार पर जोर: मुख्यमंत्री मोहन यादव

हर शहर में "सखी-निवास", आंगनवाड़ियों की

Instruction:भोपाल | मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को मंत्रालय में महिला एवं बाल विकास विभाग की गतिविधियों की समीक्षा बैठक में कहा कि प्रदेश की कामकाजी महिलाओं की सुविधा के लिए सभी शहरों में हॉस्टल (सखी-निवास) की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि “सखी-निवास” का विस्तार औद्योगिक क्षेत्रों तक किया जाए, जहाँ महिला कर्मचारी अधिक संख्या में कार्यरत हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बालिकाओं और महिलाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण एवं कौशल उन्नयन के लिए विभागीय समन्वय से ठोस गतिविधियां संचालित की जाएं।

महिला-बाल स्वास्थ्य पर विशेष योजना

मुख्यमंत्री ने महिलाओं और बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य और शारीरिक विकास के लिए स्वास्थ्य, आयुष और महिला एवं बाल विकास विभाग को एक समन्वित कार्य योजना तैयार कर उसे सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने आंगनवाड़ी भवनों की स्थिति बेहतर बनाने के लिए नगर निकायों और पंचायत राज संस्थाओं से सहयोग लेने को कहा।

कुपोषण पर नवाचार ‘मोटी आई’ की सराहना

बैठक में झाबुआ जिले में चलाए गए “मोटी आई” अभियान पर लघु फिल्म प्रस्तुत की गई, जिसे एक अनुकरणीय नवाचार बताया गया। इस अभियान को प्रदेश के अन्य जिलों में भी लागू करने पर विचार किया जा रहा है।

पोषण आहार और दूध की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक माह के भीतर आंगनवाड़ियों में पोषण आहार की आपूर्ति को बेहतर बनाने की योजना तैयार की जाए। इसमें चना, अन्य प्रोटीन स्रोतों, और दुग्ध उत्पादों को शामिल किया जाए। उन्होंने गर्भवती और धात्री महिलाओं को भी संपूर्ण पोषण आहार देने के निर्देश दिए।

प्रसव पूर्व देखभाल और सुरक्षित मातृत्व

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुदूर क्षेत्रों से अस्पताल आने वाली गर्भवती महिलाओं के रहने और देखभाल की विशेष व्यवस्था की जाए ताकि सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित किया जा सके।

आंगनवाड़ियों के भवनों में सुधार

उन्होंने सभी जिलों में आंगनवाड़ियों को शासकीय भवनों में संचालित करने के निर्देश दिए और कहा कि इसके लिए स्कूल शिक्षा, नगरीय विकास, पंचायत, जनजातीय कार्य जैसे विभागों के भवनों का उपयोग हो। सांसद-विधायक निधि, डीएमएफ फंड आदि से भवन निर्माण कराया जाए।

महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में ठोस प्रयास

बैठक में यह बताया गया कि वर्ष 2024-25 में:

  • 57 वन स्टॉप सेंटरों के माध्यम से 31,726 पीड़ित महिलाओं को सहायता दी गई।
  • महिला हेल्पलाइन 181 से 82,552 महिलाओं को मदद मिली।
  • प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 58.70 लाख हितग्राहियों को 1,878 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ।
  • सशक्त वाहिनी नवाचार में 11,321 युवतियों को प्रशिक्षण दिया गया और 156 युवतियों की सरकारी विभागों में भर्ती हुई।

इसके अलावा बैठक में मिशन वात्सल्य, पूरक पोषण आहार, सक्षम आंगनवाड़ी केंद्र, पोषण भी पढ़ाई भी, लाड़ली लक्ष्मी योजना और लाड़ली बहना योजना की भी समीक्षा की गई।

साभार…

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