Destruction: जम्मू-कश्मीर | 21 अप्रैल – रविवार रात रामबन जिले में बादल फटने और भूस्खलन की वजह से भारी तबाही मच गई। इस आपदा में 3 लोगों की जान चली गई जबकि पुलिस और सेना ने करीब 100 लोगों को रेस्क्यू किया है।
मुख्य अपडेट्स:
- जम्मू-श्रीनगर हाईवे (NH-44) लगातार दूसरे दिन भी बंद, सैकड़ों ट्रक और हजारों पर्यटक फंसे।
- भारी बारिश और फ्लैश फ्लड की चेतावनी को देखते हुए सभी स्कूल और कॉलेज बंद।
- प्रशासन की अपील: यात्रा से बचें, सुरक्षित स्थानों पर रहें।
- रेस्क्यू और मलबा हटाने का काम जारी।
नेताओं की प्रतिक्रियाएं:
विधायक अर्जुन सिंह राजू – “ऐसी त्रासदी पहले कभी नहीं देखी। प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा और सड़कों को जल्द खोलने की है।”
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह – “सेना और जिला प्रशासन मुस्तैदी से काम कर रहे हैं। शांति के समय भी हमारी सेना देश सेवा में तत्पर है।”
सीएम उमर अब्दुल्ला – जान-माल के नुकसान पर गहरा शोक जताया और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।
डिप्टी सीएम सुरिंदर चौधरी – घटनास्थल का दौरा कर राहत कार्यों की समीक्षा की।
इंसानी जज्बा: बारात लेकर निकला दूल्हा
रामबन के हाशखोर अहमद NH-44 बंद होने के बावजूद पैदल ही बारात लेकर 7 किलोमीटर दूर विवाह स्थल की ओर रवाना हुए। उनका कहना है, “सड़क नहीं खुली तो पत्नी को भी पैदल लाना पड़ेगा।”
चश्मदीद का बयान:
“रात 3 बजे होटल में पानी भरने लगा। स्टाफ भाग चुका था। हम 15 लोग तीसरी मंजिल पर फंस गए थे। होटल की दो मंजिलें मलबे में दब गईं। मेरी नई गाड़ी भी मलबे में दबी है। किसी तरह पीछे से निकलकर जान बचाई।”
NH-44 अब भी बंद, यात्रा ना करें
- NH-44 पर जगह-जगह मलबा और लैंडस्लाइड के कारण यात्रा करना असुरक्षित है।
- जिला प्रशासन और NDRF की टीमें लगातार रेस्क्यू में जुटी हैं।
- साभार…
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