Dieting Samasya – ज्यादा डाइटिंग करने से हो सकती है स्लीप इटिंग की समस्या, और खतरनाक प्रभाव आमतौर पर स्लीप इटिंग गहरी नींद के समय ही होती है। इस समय शरीर पर मस्तिष्क का बहुत कम मात्रा में आपके वश में रहता है, इसे नॉक्टर्नल इटिंग सिंड्रोम कहते हैं। और यह भी देखा गया है कि जो लोग नींद में खाते हैं, उन्हें दिन के समय काम करने में काफी परेशानी होती है वे लोग रात के समय ठीक तरह से सो भी नहीं पाते।
रात में कुछ भी खाना नींद में चलने जैसी एक मानसिक बीमारी है | Dieting Samasya
आमतौर पर स्लीप इटिंग गहरी नींद के समय मे ही होती है। और इस समय हमारे शरीर पर मस्तिष्क का बहुत ही कम नियंत्रण रहता है, इसलिए आमतौर पर इसे नॉक्टर्नल इटिंग सिंड्रोम कहते हैं। देखा गया है कि जो लोग नींद में खाते हैं, उन्हें दिन के समय काम करने में काफी परेशानी भी होती है |
क्योंकि ये लोग रात के समय ठीक तरह से सो भी नहीं पाते। रात में कुछ भी खाना, या नींद में चलने जैसी एक प्रकार की मानसिक बीमारी है। कई बार लोग इसे लेकर अपने आप में शर्म महसूस करते है। और इसी वजह से इस बीमारी के इलाज के लिए वे डॉक्टर के पास नहीं जाते, ऐसा ना करें वर्ना स्थिति खतरनाक हो सकती है।
इसके क्या कारण है
यदि आप डाइटिंग करते है तो डायटिंग के समय आपकों भारी भूख महसूस होना और इससे इंसान अनजाने में रात के समय खाने तक पहुंच ही जाता है। शराब पीना, धूम्रपान करना या भारी तनाव लेने वाले लोग भी स्लीप इटिंग से काफी प्रभावित हो सकते हैं।
इस बिमारी का क्या है इलाज | Dieting Samasya
सबसे पहले आप तनाव लेना जल्द ही बंद करें और किसी मनोचिकित्सक को अपनी इस गंभीर समस्या के बारे में विस्तार से बताकर जल्द ही इस बिमारी का इलाज शुरू करें। आप अपने खाने में संतुलित आहार और फाइबर युक्त चीजें जैसे ब्रोकली, मटर, अमरूद, अंगूर, नाशपाती, केला, आम व पपीते आदि को अपनी डाइट में शामिल करें।
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रोजाना कम से कम 15 मिनट मेडिटेशन जरूर करें
शराब, सिगरेट या तंबाकू जैसी चीजों का सेवन बिल्कुल भी ना करें। और सोने से पहले थोड़ी देर आप अच्छे गाने सुनें और आप अपनी किचन या फ्रिज को ताला लगाकर रख दे।
चिड़चिड़ाहट और थकान | Dieting Samasya
जब आप पेट भरकर खाना नहीं खाते हैं और भूखे रहते हैं तो इससे आपके शरीर को अच्छी एनर्जी नहीं मिलती और आपको थकान और कमजोरी महसूस होने लगती है। आपने देखा होगा कि डाइटिंग करने वाले अधिकतर लोगों के स्वभाव में काफी चिड़चिड़ापन और थकान भी आ जाती है। ऐसे लोगों का ब्लड शुगर लेवल भी कम हो जाता है।
कम खाना खाने से मेटाबोलिज्म पर असर पड़ेगा
कम खाने से मेटाबोलिज्म पर भी असर पड़ता है। जो लोग डाइटिंग करते हैं या अपने मील स्किप करते हैं तो कई बार उनका वजन फिर भी कम नहीं होता है और उल्टा वजन बढ़ने लग जाता है। इसका कारण आपका मेटाबोलिज्म ही होता है। डाइटिंग के दौरान आपकी मांसपेशियों में ढीलापन आने लगता है और आपके शरीर का आकार भी बिगड़ सकता है।
कम खाने से हो सकती है पाचन की समस्या | Dieting Samasya
कम खाने से पाचन तंत्र पर असर पड़ता है और पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है। जो लोग डाइटिंग करते हैं उनके शरीर में फाइबर की कमी होने लगती है, जो आपको कई प्रकार के खाने से मिलता है। ऐसे में शरीर को जो जरूरी तत्व होते है वे आपके शरीर को नहीं मिल पाते है। इससे आपको पाचन से जुड़ी गंभीर समस्याएं होने लगती हैं।
इससे आपको हो सकती है पथरी की समस्या
जो लोग अक्सर कम खाते हैं या डाइटिंग करते हैं उनके शरीर को कम कैलरीज मिल पाती हैं। जो कि कॉफी लंबे समय तक ऐसी ही दिनचर्या अपनाने से आपके पित्ताशय में पथरी होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
इस मामले में विशेषज्ञ की सलाह अवश्य ले | Dieting Samasya
क्योंकि इस मामले में विशेषज्ञ की सलाह अवश्य ही लेनी चाहिए क्योंकि डाइटिंग करने से ज्यादा अच्छा हो कि आप हेल्दी भोजन खाएं। बिना सोचे और समझे किसी भी डाइटिंग की योजना को फॉलो करने से आपकी सेहत पर भी भारी असर पड़ सकता है। इससे आपका मोटापा कम होने की बजाय कई तरह की आपको गंभीर परेशानियां भी हो सकती है। अगर आप अपना वजन घटाने के लिए डाइटिंग करना चाहते हैं तो पहले किसी आहार विशेषज्ञ या प्राकृतिक विशेषज्ञ की सलाह अवश्य ही ले।
डिसक्लेमर
इस महत्वपूर्ण जानकारी का उद्देश्य केवल बीमारी और स्वास्थ्य से संबंधी समस्याओं के प्रति आप में जागरूकता लाना है। यह किसी योग्यता प्राप्त मेडिकल ेकी राय का विकल्प नहीं है। इसलिए आपको यह महत्वपूर्ण सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपने मन मर्जी से ना उपयोग करें बल्कि इस बारे में उस बीमारी से संबंधित विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
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