E-rickshaw: दिल्ली : सड़कों के बीचों-बीच बेतरतीब ढंग से दौड़ रहे ई-रिक्शा दूसरे चालकों की जान जोखिम में डाल रहे हैं। ई-रिक्शा पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली की 236 सड़कों पर इनके चलने पर रोक लगाई गई थी। लेकिन ये प्रतिबंधित सड़कों पर भी बेखौफ दौड़ रहे हैं। दिल्ली में ई-रिक्शा की समस्या कई स्तरों पर देखने को मिल रही है। आइए इसे मुख्य बिंदुओं में समझते हैं:
ई-रिक्शा की शुरुआत और उद्देश्य
2014 में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए ई-रिक्शा की शुरुआत हुई।
कम दूरी की यात्रा के लिए ये लोगों को किफायती और सुविधाजनक विकल्प प्रदान करते हैं।
समस्याएं और चुनौतियां
अवैध ई-रिक्शा की बढ़ती संख्या
दिल्ली में डेढ़ लाख पंजीकृत ई-रिक्शा हैं।
2 लाख से ज्यादा अवैध ई-रिक्शा अनुमानित हैं।
ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाएं
236 सड़कों पर प्रतिबंध के बावजूद ई-रिक्शा वहां बेखौफ चलते हैं।
अवैध ई-रिक्शा के कारण जाम और दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं।
राजस्व का नुकसान
पंजीकरण न होने के कारण सरकार को राजस्व की हानि हो रही है।
चालान और जब्ती
पिछले साल 2.78 लाख से ज्यादा चालान काटे गए।
दो साल में 5000 से ज्यादा ई-रिक्शा जब्त किए गए।
अवैध ई-रिक्शा के तीन मुख्य प्रकार
पैडल रिक्शा में बैटरी लगाना
अनाधिकृत एजेंसियों द्वारा निर्मित ई-रिक्शा
बिना नंबर प्लेट और लाइसेंस के चलने वाले ई-रिक्शा
समाधान के प्रयास
परिवहन विभाग अवैध ई-रिक्शा को नियमित करने की योजना पर काम कर रहा है।
सख्त निगरानी और चेकिंग से अवैध ई-रिक्शा पर लगाम लगाने के प्रयास जारी हैं।
निर्माण श्रमिकों के लिए राहत
पूर्व में अपात्र घोषित निर्माण श्रमिकों को
अपील करने का अवसर मिलेगा।
एक माह तक अभियान चलाकर उनकी अपीलें सुनी जाएंगी।
योजनाओं का प्रचार-प्रसार
जिला एवं ब्लॉक मुख्यालयों पर मंडल की योजनाओं को
जन-जन तक पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं।
साभार। ..
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