Economy:श्रीनगर | 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद घाटी के पर्यटन सेक्टर में भारी हलचल मच गई है। इस हमले का सीधा असर न सिर्फ पर्यटकों के आत्मविश्वास पर पड़ा है, बल्कि घाटी की अर्थव्यवस्था पर भी खतरा मंडराने लगा है। टूरिज्म सेक्टर, जो जम्मू-कश्मीर की GDP का लगभग 8% है, अब गहरे संकट में है।
1. बुकिंग रद्द, टूरिस्ट्स का पलायन
हमले के 24 घंटे के भीतर पहलगाम के 20,000 में से करीब 90% होटल रूम खाली हो चुके हैं।
पहलगाम होटल्स एंड ओनर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट जावेद बुर्जा ने कहा,
“हम लगातार बुकिंग कैंसिलेशन कॉल्स झेल रहे हैं। पर्यटक अब घाटी में रुकने को तैयार नहीं हैं।”
गुलमर्ग, सोनमर्ग और अन्य पर्यटक स्थलों से भी लोग श्रीनगर एयरपोर्ट की ओर रुख कर रहे हैं। एयरलाइंस अतिरिक्त उड़ानों के ज़रिए पर्यटकों को बाहर निकाल रही हैं।
सरकार ने ट्रैवल एजेंसियों और होटलों को कैंसिलेशन फीस माफ करने की एडवाइजरी जारी की है, जिससे स्पष्ट है कि पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
2. टूरिज्म सेक्टर को ₹9,000 करोड़ तक का नुकसान संभव
2023-24 में जम्मू-कश्मीर की कुल GDP ₹2.30 लाख करोड़ रही, जिसमें टूरिज्म का योगदान ₹16,100–18,400 करोड़ के बीच रहा। अकेले होटल सेक्टर की हिस्सेदारी ₹6,900–9,200 करोड़ आंकी गई है।
पुलवामा हमले (2019) के बाद जैसी गिरावट देखी गई थी, उसी पैमाने पर अब भी 30-50% तक की गिरावट का अनुमान है।
3. विदेशी पर्यटकों की संख्या घटने की आशंका
2024 में जम्मू-कश्मीर में 2.35 करोड़ पर्यटक आए थे, जिनमें 65,000 विदेशी थे।
अमेरिकी विदेश विभाग ने हमले के बाद फिर से “डू नॉट ट्रैवल” एडवाइजरी जारी की है। इससे अन्य देशों की एडवाइजरी भी प्रभावित हो सकती है, और विदेशी पर्यटकों की संख्या में गिरावट आना तय है।
4. होटल, टैक्सी, पोनी सेवाओं पर सीधा असर
स्थानीय बिजनेस जैसे होटल, टैक्सी सेवाएं, पोनी राइड्स और रेस्तरां अब बंदी के कगार पर हैं।
होटल व्यवसायी सुहैल अहमद कहते हैं,
“इस हमले ने हमारी रीढ़ तोड़ दी है। बुकिंग कैंसिल हैं, स्टाफ को सैलरी देना मुश्किल हो गया है।”
5500 से अधिक होटल्स घाटी में कार्यरत हैं, जिनमें से 3500 छोटे-मोटे बजट होटल्स और 1500 हाउसबोट्स शामिल हैं।
5. लॉन्ग टर्म असर: निवेशकों का भरोसा डगमगाया
पिछले वर्षों में ताज ग्रुप, अबू धाबी के लुलु ग्रुप समेत कई अंतरराष्ट्रीय निवेशकों ने कश्मीर में होटल और मॉल प्रोजेक्ट्स शुरू किए थे। अब इन परियोजनाओं पर असर पड़ सकता है।
FICCI J&K चेयरमैन राजेश शर्मा का कहना है,
“हमने निवेशकों को यह भरोसा दिलाया था कि कश्मीर अब सुरक्षित है। लेकिन ऐसे हमले उस भरोसे को चोट पहुंचाते हैं।”
6. रोजगार पर खतरा, लोगों में डर
घाटी के हजारों लोग पर्यटन पर निर्भर हैं। बुकिंग रद्द होने और पर्यटकों के पलायन के कारण होटल और एजेंसियों में काम करने वालों की नौकरी पर तलवार लटक रही है।
7. क्या फिर डगमगाएगा J&K का विकास ट्रेंड?
पिछले तीन वर्षों में जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था ने राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन किया है:
- 2022-23: 9.31%
- 2023-24: 7.08%
- 2024-25 (अनुमान): 9.5%
लेकिन अगर टूरिज्म सेक्टर संकट में फंसा रहा, तो यह विकास दर भी प्रभावित हो सकती है।
साभार…
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