Effect: बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और जेनरेटिव AI (ZEN AI) के बढ़ते प्रभाव को लेकर डॉयचे बैंक के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर बेरेंड ल्यूकर्ट ने हाल ही में बेंगलुरु में ‘बैंक ऑन टेक’ इवेंट में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि AI के कारण बैंकिंग सेक्टर में 30-40% नौकरियां बदल जाएंगी, और कुछ पूरी तरह खत्म भी हो सकती हैं।
बैंकिंग इंडस्ट्री के लिए AI क्यों जरूरी?
बैंकिंग एक हाईली रेगुलेटेड सेक्टर है:
रेगुलेटर्स एक रूल-बेस्ड सिस्टम चाहते हैं, जिससे वे आसानी से ऑडिट कर सकें।
AI के रिजल्ट्स हमेशा पूर्वानुमानित नहीं होते, जिससे चुनौतियां बनी हुई हैं।
बिना ज्यादा कर्मचारियों को हायर किए बिजनेस बढ़ाने में AI मददगार साबित हो रहा है।
टेक्नोलॉजी का बढ़ता दखल:
AI, क्लाउड और ऑटोमेशन बैंकिंग ऑपरेशंस को तेजी से बदल रहे हैं।
इन्वेंटरी और सप्लाई चेन मैनेजमेंट में AI इंसानों के साथ मिलकर काम करेगा।
AI और चैटबॉट्स की वजह से BPO सेक्टर पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा।
किन सेक्टर्स में AI का प्रभाव ज्यादा होगा?
कम असर:
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर – इंडस्ट्रियल रोबोट्स अभी इंसानी मजदूरी की जगह नहीं ले सकते।
सप्लाई चेन मैनेजमेंट – AI केवल सपोर्ट करेगा, इंसानों की जरूरत बनी रहेगी।
ज्यादा असर:
BPO सेक्टर – AI और चैटबॉट्स से नौकरियों में भारी गिरावट संभव।
सर्विस सेक्टर – डेटा एनालिसिस, कस्टमर सर्विस और अन्य कार्यों में ऑटोमेशन से नौकरियां खत्म हो सकती हैं।
बैंकिंग और फाइनेंस – रूटीन वर्क में AI की एंट्री से नौकरियों का स्वरूप बदलेगा।
सकारात्मक प्रभाव:
हेल्थकेयर, वेदर प्रेडिक्शन और एजुकेशन में AI से सुधार होगा।
कई पारंपरिक नौकरियां बदल सकती
AI की वजह से कई पारंपरिक नौकरियां बदल सकती हैं, खासकर बैंकिंग, BPO और सर्विस इंडस्ट्री में। हालांकि, मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन जैसे क्षेत्रों में AI इंसानों के लिए सहायक साबित होगा, न कि उनका विकल्प।
जो लोग AI और ऑटोमेशन के साथ खुद को अपस्किल करेंगे, उनके लिए अवसर बने रहेंगे।
AI के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए भविष्य की नौकरियों के लिए नई स्किल्स सीखना जरूरी होगा।
source internet… साभार….
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