Exposure: भोपाल। मध्य प्रदेश डेयरी फेडरेशन के सांची दूध की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। राजगढ़ जिले में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने डेढ़ महीने में तीन निजी डेयरियों पर छापा मारकर नकली दूध बनाने वाली सामग्री जब्त की है। जांच में खुलासा हुआ कि भोपाल दुग्ध संघ को पिछले छह महीनों से मिलावटी दूध सप्लाई किया जा रहा था।
📌 मिलावटी दूध की सप्लाई चेन का खुलासा
🔹 राजगढ़ में छापा (13 जनवरी 2025)
- जितेंद्र गिरी की डेयरी से सोयाबीन तेल, यूरिया, और मिक्सर ग्राइंडर जब्त।
- नकली दूध को भोपाल दुग्ध संघ की सहकारी समिति गोस्वामी दूध संग्रहण केंद्र (आगर, राजगढ़) को सप्लाई किया जा रहा था।
- यह दूध नरसिंहगढ़ चिलिंग सेंटर से होकर भोपाल प्लांट में पहुंचता था।
🔹 गोरखपुर में भी मिलावट (4 फरवरी 2025)
- कन्हैयालाल डांगी की डेयरी में माल्टोज पाउडर और तेल से नकली दूध बनाया जा रहा था।
- यह दूध नरसिंहगढ़ चिलिंग स्टेशन को भेजा जाता था।
- एक महीने पहले ही इस डेयरी संचालक ने सांची को सप्लाई बंद कर दी थी।
🧪 सिंथेटिक दूध कैसे बनाया जाता है?
मिलावटखोर खतरनाक रसायनों और अन्य पदार्थों का संतुलित मिश्रण बनाकर दूध तैयार करते हैं, जिससे इसकी पहचान करना मुश्किल हो जाता है।
🔸 सोयाबीन तेल → दूध में वसा की मात्रा बढ़ाने के लिए।
🔸 माल्टोज पाउडर → दूध को गाढ़ा और मीठा बनाने के लिए।
🔸 यूरिया → दूध को सफेद और प्राकृतिक दिखाने के लिए।
🔸 कास्टिक सोडा → तेल और पानी मिलाने के लिए डिटर्जेंट के रूप में।
⚠ मिलावटी दूध से स्वास्थ्य को नुकसान
✅ अल्पकालिक प्रभाव:
- पेट दर्द, उल्टी, दस्त, एलर्जी।
✅ दीर्घकालिक प्रभाव: - पाचन तंत्र की गड़बड़ी, लिवर सिरोसिस, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां।
🔍 अब तक क्या कार्रवाई हुई?
✅ भोपाल दुग्ध संघ ने कहा कि पूरे मामले की गहन जांच जारी है।
✅ सवाल यह उठता है कि सांची के कलेक्शन सेंटर पर यह मिलावट कैसे नहीं पकड़ी गई?
✅ क्या मिलावटखोरों को अंदरूनी समर्थन मिल रहा था?
❓ उपभोक्ताओं के लिए बड़ा सवाल
➡ क्या सांची दूध अब सुरक्षित है?
➡ क्या मिलावटखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी?
➡ क्या सरकार दूध की गुणवत्ता की जांच के लिए नई व्यवस्था करेगी?
source internet… साभार….
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