FASTag: नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने FASTag से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब जिन ड्राइवरों के पास वैध FASTag नहीं होगा और वे UPI से टोल का भुगतान करेंगे, उन्हें रेगुलर टोल का 1.25 गुना शुल्क देना होगा। जबकि कैश पेमेंट करने वालों को पहले की तरह दोगुना टोल देना पड़ेगा। ये नए नियम 15 नवंबर 2025 से लागू होंगे।
🚗 क्यों किया गया बदलाव?
सरकार का कहना है कि नया नियम उन स्थितियों में राहत देगा जब FASTag में तकनीकी खराबी या बैलेंस की कमी के कारण पेमेंट फेल हो जाता है।
ट्रांसपोर्टर्स ने इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि कई बार राज्यों के बीच यात्रा करते समय टैग काम न करने पर ड्राइवरों को डबल टोल देना पड़ता था। अब UPI से पेमेंट करने का विकल्प मिलने से पेनल्टी कम लगेगी।
💰 सरकार का लक्ष्य
केंद्र का मानना है कि इस बदलाव से टोल कलेक्शन पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि वर्तमान में 98% टोल पेमेंट FASTag से ही किए जा रहे हैं।
सरकार का उद्देश्य पेनल्टी से कमाई नहीं, बल्कि कैश ट्रांजैक्शन को खत्म करना और यात्रियों की सुविधा बढ़ाना है।
🪪 अब ₹3,000 में सालाना FASTag पास
15 अगस्त से सरकार ने ‘वार्षिक FASTag पास’ योजना भी शुरू की थी।
- कीमत: ₹3,000
- वैधता: 1 साल
- उपयोग: 200 बार टोल क्रॉस
- औसत लागत: करीब ₹15 प्रति टोल
इससे देशभर के नेशनल हाईवे टोल प्लाज़ा पर भीड़ कम होने की उम्मीद है।
🏦 कहां से खरीद सकते हैं FASTag?
FASTag आप देश के किसी भी टोल प्लाजा या बैंक शाखा से खरीद सकते हैं।
- उपलब्ध बैंक: SBI, HDFC, ICICI, Axis, Kotak आदि
- ऑनलाइन प्लेटफॉर्म: Paytm, Amazon, Google Pay
खरीदते समय आपके पास ID प्रूफ और वाहन का रजिस्ट्रेशन कार्ड होना जरूरी है। - साभार …
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