Fierce battle: दिल्ली | राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित तीन दिवसीय संवाद कार्यक्रम का आज (28 अगस्त) समापन हो गया। अंतिम दिन सरसंघचालक मोहन भागवत ने प्रश्नोत्तर सत्र में प्रतिभागियों के सवालों का जवाब दिया।
पहले दो दिन रहे खास
- 26 अगस्त को अपने संबोधन में भागवत ने कहा था कि “हिंदू वही है जो सबकी श्रद्धा का सम्मान करे। हिंदू राष्ट्र का सत्ता से कोई संबंध नहीं है।” उन्होंने बताया कि भारत के पास दुनिया को देने के लिए बहुत कुछ है और अब समय आ गया है कि भारत ‘विश्व गुरु’ की भूमिका निभाए।
- 27 अगस्त को उन्होंने कहा कि “जितना विरोध संघ का हुआ है, उतना किसी संगठन का नहीं हुआ। फिर भी स्वयंसेवक समाज के प्रति शुद्ध सात्विक भाव रखते हैं।” उन्होंने अमेरिकी टैरिफ विवाद पर कहा कि आत्मनिर्भरता जरूरी है, लेकिन इसका अर्थ विदेशों से संबंध तोड़ना नहीं है।
अंतिम दिन प्रश्नोत्तर सत्र
आज भागवत ने ऑपरेशन सिंदूर से लेकर टैरिफ वॉर तक पर खुलकर जवाब दिए। कार्यक्रम में विभिन्न धर्मों और वर्गों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
विशेषताएं
- कार्यक्रम में 17 कैटेगरी और 138 सब-कैटेगरी से चुने गए करीब 1300 लोगों को बुलाया गया।
- पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई, नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी, क्रिकेटर कपिल देव, ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा समेत कई हस्तियां मौजूद रहीं।
- भाजपा सांसद कंगना रनौत, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और बाबा रामदेव भी कार्यक्रम का हिस्सा बने।
- विभिन्न देशों के राजनयिक भी उपस्थित रहे।
आगे का कार्यक्रम
RSS ने बताया कि ऐसी व्याख्यान श्रृंखला बेंगलुरु, कोलकाता और मुंबई में भी आयोजित होगी।
साभार…
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