Fire: हाल ही में देशभर में चलती कारों में आग लगने की घटनाओं में वृद्धि देखी जा रही है, जो वाहन सुरक्षा और रखरखाव पर गंभीर प्रश्न उठाती है। नीचे कुछ प्रमुख घटनाओं का विवरण प्रस्तुत है:
प्रमुख घटनाएं:
- दिल्ली (8 अप्रैल 2025): बिजवासन रोड फ्लाईओवर के पास एक टोयोटा ग्लैंजा कार में आग लग गई, जिसमें 42 वर्षीय ट्रांसपोर्ट व्यवसायी संदीप की मृत्यु हो गई। प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है।
- उत्तराखंड (10 अप्रैल 2025): विकासनगर-चकराता मार्ग पर चलते यूटिलिटी वाहन में आग लग गई, जिससे वाहन में लदा परचून का सामान जलकर राख हो गया। चालक ने समय रहते कूदकर अपनी जान बचाई।
- नोएडा (8 अप्रैल 2025): सेक्टर-62 से बरौला जाने वाले मार्ग पर एक चलती कार में आग लग गई। चालक ने समय रहते बाहर निकलकर अपनी जान बचाई।
- पंचकूला-यमुनानगर हाईवे: चलती कार में अचानक आग लगने से दो युवक बाल-बाल बचे। फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया।
- मुख्य कारण:
- इलेक्ट्रिक वायरिंग में गड़बड़ी – लोकल गैरेज से खराब फिटिंग या घटिया एक्सेसरीज़ से शॉर्ट सर्किट का खतरा।
- फ्यूल लीकेज – गर्म इंजन के संपर्क में आने से आग लग सकती है।
- अनधिकृत CNG/Sound System इंस्टॉलेशन – खराब इंस्टॉलेशन से सुरक्षा खतरे में।
- बैटरी वाले डिवाइस (पावर बैंक, लैपटॉप) – ओवरहीट होकर फट सकते हैं।
- ज्वलनशील वस्तुएं (सैनिटाइज़र, परफ्यूम) – गर्म कार में विस्फोट या आग का कारण बन सकती हैं।
- बचाव के उपाय:
- समय-समय पर कार की सर्विसिंग कराएं।
- सिर्फ अधिकृत सर्विस सेंटर से CNG/इलेक्ट्रिक किट लगवाएं।
- कार में फायर एक्सटिंग्विशर जरूर रखें।
- कार के अंदर ज्वलनशील चीजें न रखें, खासकर गर्मियों में।
- ब्रेक, क्लच और इंजन सिस्टम की नियमित जांच कराएं।
- कार चलाते समय स्मोकिंग न करें।
- पुरानी गाड़ियों के लिए विशेष सावधानी:
- 15-20 साल पुरानी गाड़ियों को फिटनेस टेस्ट में पास होना जरूरी है।
- नियमित देखभाल न होने पर शॉर्ट सर्किट और फ्यूल लीकेज के खतरे बढ़ जाते हैं।
- क्या CNG और इलेक्ट्रिक गाड़ियां ज्यादा खतरनाक हैं?
- नहीं, अगर सही देखभाल हो। समय पर सर्विस और प्रॉपर फिटिंग से ये सुरक्षित रहती हैं।
- लेकिन लोकल फिटिंग, घटिया पार्ट्स और सर्विसिंग की अनदेखी से खतरा बढ़ सकता है।
संभावित कारण:
- इलेक्ट्रिकल वायरिंग में गड़बड़ी: अवैध या खराब फिटिंग से शॉर्ट सर्किट हो सकता है।
- फ्यूल लीकेज: पेट्रोल या डीजल का रिसाव इंजन की गर्मी के संपर्क में आकर आग का कारण बन सकता है।
- ज्वलनशील वस्तुएं: कार में सैनिटाइज़र, परफ्यूम, पावर बैंक जैसी वस्तुएं गर्मी में आग का जोखिम बढ़ा सकती हैं।
- पुरानी गाड़ियों की खराब स्थिति: पुरानी वाहनों की नियमित जांच और रखरखाव न होने से आग लगने का खतरा बढ़ जाता है।
सुरक्षा के उपाय:
- नियमित सर्विसिंग: कार की समय-समय पर जांच और रखरखाव कराएं।
- फायर एक्सटिंग्विशर रखें: आपात स्थिति में आग बुझाने के लिए कार में फायर एक्सटिंग्विशर अवश्य रखें।
- ज्वलनशील वस्तुओं से बचाव: गर्मी में कार के अंदर सैनिटाइज़र, परफ्यूम, पावर बैंक जैसी वस्तुएं न रखें।
- सावधानीपूर्वक ड्राइविंग: ड्राइविंग के दौरान धूम्रपान न करें और किसी भी असामान्य गंध या धुएं पर तुरंत ध्यान दें।
इन घटनाओं से स्पष्ट है कि वाहन की सुरक्षा और रखरखाव में लापरवाही गंभीर परिणाम ला सकती है। समय रहते उचित कदम उठाकर हम ऐसी दुर्घटनाओं से बच सकते हैं।
साभार…
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