महाकुंभ के दौरान भीषण आग ने एक बड़े क्षेत्र को प्रभावित किया। प्रत्यक्षदर्शियों ने आग की लपटों और धुएं को देखा, जो तेजी से फैल रहा था। शिविरों में रहने वाले श्रद्धालु अपने परिवार और सामान को सुरक्षित निकालने में जुट गए।
घटना के मुख्य बिंदु:
- आग लगने का कारण:
- गैस रिसाव से आग लगी, जिसके बाद सिलिंडर फटने की घटनाएं हुईं।
- गीता प्रेस के ट्रस्टियों के अनुसार, शिविर की सीमा के बाहर से आई चिंगारी आग का कारण बनी।
- आग का असर:
- गीता प्रेस के 180 काटेज जलकर खाक हो गए।
- साधु और वकील समेत अन्य कई लोगों के नकद और सामान जलने की खबर।
- सांस लेने में कठिनाई और धुएं के कारण लोगों को असुविधा।
- राहत और बचाव:
- फायर ब्रिगेड, पुलिस, और एनडीआरएफ ने राहत कार्य संभाला।
- कोई जनहानि नहीं हुई।
- अग्निशमन दल ने आग को तेजी से नियंत्रित किया।
- रेल संचालन पर प्रभाव:
- दारागंज-झूंसी के बीच पुल तक आग की लपटें पहुंचीं।
- ट्रेन संचालन को रोकने और अलर्ट जारी करने के निर्देश।
- स्थिति नियंत्रण में आने के बाद ट्रेन सेवाएं बहाल।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया:
- फायर ब्रिगेड और मेला क्षेत्र हैशटैग्स ट्रेंड हुए।
- फायर ब्रिगेड की त्वरित कार्रवाई की सराहना हुई।
- घटना से जुड़े वीडियो और फोटो वायरल हुए।
एहतियात और सुझाव:

- प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की कि रसोई गैस के उपयोग में सावधानी बरतें।
- गैस लीक की स्थिति में तुरंत संबंधित कंपनी को सूचित करें।
- शिविरों में कपड़े और गैस सिलिंडर को अलग-अलग रखें।
समाप्ति:
इस घटना ने महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में सुरक्षा उपायों की महत्ता को रेखांकित किया। राहत की बात यह रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। आग पर तेजी से काबू पाकर प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया।
source internet… साभार….
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