Friday , 29 November 2024
Home Active Goat Milk Soap – देश में बढ़ने लगी बकरी के दूध से निर्मित साबुन की डिमांड 
Activeदेश

Goat Milk Soap – देश में बढ़ने लगी बकरी के दूध से निर्मित साबुन की डिमांड 

Goat Milk Soap - Demand for soap made from goat milk started increasing in the country.

जाने आखिर कैसे तैयार की जाती है ये साबुन 

Goat Milk Soapबिहार के पश्चिम चम्पारण जिले के कई प्रखंडों में मुख्य रूप से थारू जनजाति का बसेरा है, जिसे थरुहट के नाम से जाना जाता है। विशेष बात यह है कि थरुहट की महिलाएं कुछ ऐसा कर रही हैं, जो पूरे बिहार के लिए गर्व की बात है। यहां की महिलाओं ने कुछ ऐसे साबुनों का निर्माण शुरू किया है, जिनकी उपलब्धता बहुत कम है और वे केवल कुछ ही राज्यों में उपलब्ध हैं। इनमें सबसे विशेष वह साबुन है जो बकरी के दूध से बनता है। अब इसकी मांग बिहार के कई जिलों के साथ ही राजधानी दिल्ली तक फैल गई है।

आदिवासी महिलाओं के समूह ने की तैयार | Goat Milk Soap 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के बगहा-2 प्रखंड के भटवा टोला में बसे आदिवासी महिलाओं का अब चर्चा में होने लगा है। वे अब घर पर बकरी के दूध से निर्मित आर्गेनिक साबुन बना रही हैं। इसका प्रशिक्षण उन्होंने ‘नमामि गंगे’ नामक संस्था से प्राप्त किया है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद, वे अब स्वयं साबुन बना रही हैं। साथ ही, स्थानीय 30 महिलाओं ने इस काम में साझेदारी की है। इन महिलाओं ने काम को विभाजित कर दिया है। कुछ महिलाएं बकरी पालन करती हैं, तो कुछ साबुन तैयार करने के लिए बेस बनाती हैं।Also Read Goat farming:  इंडिया में पाई जाने वाली  इस नस्ल की बकरी का करें पालन ,कम खर्च में होगी बढ़िया कमाई। 

क्या है प्रक्रिया | Goat Milk Soap 

बकरी के दूध से साबुन बनाने की प्रक्रिया में सबसे पहले साबुन का बेस तैयार किया जाता है। शुरूआत में, इस बेस को वे पहले दूसरे राज्यों से खरीदती थीं। हालांकि, अब वे इस बेस को खुद ही तैयार कर लेती हैं। इसमें खास बात यह है कि महिलाएं बेस के निर्माण में ग्लिसरीन और लाई का उपयोग करती हैं। इस कारण, इस साबुन में कोई केमिकल नहीं होता है। बेस तैयार करने के बाद, उसे बकरी के दूध में मिलाकर साबुन तैयार किया जाता है। लगभग एक किलो बेस में 2 चमच बकरी का दूध मिलाया जाता है। दूध में बेस को मिलाने के बाद, उसे मोल्ड में ढाला जाता है। लगभग 3 घंटों की मेहनत के बाद, साबुन तैयार हो जाता है। यहाँ तक कि फ्रेगनेंस के लिए महिलाएं प्राकृतिक फूलों का भी इस्तेमाल करती हैं।

खुद से बनाए साबुन का लैब टेस्ट भी कराया गया है और जांच के अनुसार साबुन बिल्कुल खरा पाया गया है। साबुन को व्यावसायिक रूप देने के लिए महिलाओं ने प्रशिक्षण केंद्र से सहायता ली और स्वयं ही पूरी पेशेवरता के साथ लेबलिंग और पैकेजिंग का काम किया। बकरी के दूध से बनाए गए साबुन की ब्रांडिंग जलज शार्दुल नाम से की जा रही है। इसके 100 ग्राम वाले पैकेट की कीमत केवल 60 रुपए है। सुमन बताती हैं कि एसएसबी कैंप से लेकर बड़े-बड़े अधिकारी तक इस साबुन को पसंद कर रहे हैं। दिल्ली में आयोजित मेले में उन्होंने इसे प्रदर्शित किया था, जहां इसकी बिक्री भी बड़े पैमाने पर हुई थी। Also Read Goat farming: इस नस्ल की बकरी से करें भरपूर कमाई, बोरा और झोला भरेंगे आपका खाता, जानिए कौन सी नस्ल है सही

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Posts

Categories

Related Articles

Betul News : नाबालिग के दुष्कर्मी चाचा को 20 साल की सजा

न्यायालय ने आरोपी को 11 हजार का किया अर्थदण्ड Betul News –...

Dadaji Ka Video : भारी भरकम बुलेट पर दादाजी ने कर डाला स्टंट 

वीडियो देख लोग बोले ये पुराने खिलाड़ी  Dadaji Ka Video – अगर आपके...

Kisan Yojana : किसानों को मिलेगा ऑनलाइन योजनाओं का लाभ

कृषि विभाग की अभिनव पहल Kisan Yojana – बैतूल – कलेक्टर एवं...

Vote Count – त्रि-स्तरीय अभेद्य सुरक्षा घेरे में होगी मतगणना : कलेक्टर

स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों को मतगणना प्रक्रिया से कराया अवगत, व्यवस्था से...