Hack:भोपाल:— साइबर अपराधियों ने सोशल नेटवर्किंग साइट्स और मैसेजिंग ऐप्स के माध्यम से ठगी का नया तरीका अपनाया है। अब ये अपराधी यूज़र्स को GIF या फोटो फॉर्मेट में छिपी APK फाइलें भेजकर मोबाइल हैक कर रहे हैं। जैसे ही यूज़र इन फाइलों पर क्लिक करता है, एक खतरनाक APK (Android Package File) अपने आप डिवाइस में इंस्टॉल हो जाती है और फोन का नियंत्रण साइबर ठगों के हाथ में चला जाता है।
फोन मिररिंग के ज़रिए चोरी
स्टेट साइबर सेल के एसआई हेमंत पाठक के अनुसार, हैकर फोन को मिरर कर लेते हैं और फिर उसमें मौजूद जानकारी का इस्तेमाल कर किसी अन्य डिवाइस में मोबाइल वॉलेट डाउनलोड कर पैसे निकाल लेते हैं। भले ही यूज़र ने फोन में वॉलेट ऐप या इंटरनेट बैंकिंग इंस्टॉल नहीं किया हो, ठग ओटीपी के ज़रिए उस तक पहुंच बना लेते हैं।
सावधानी जरूरी
एएसपी सूर्यकांत शर्मा ने बताया कि,
“अनजान नंबरों से आने वाली फोटो और GIF फाइलों को कभी भी डाउनलोड या ओपन न करें।”
कैसे होती है ठगी:
- यूज़र को भेजी जाती है कोई आकर्षक GIF या इमेज फाइल।
- उसमें छिपी APK फाइल क्लिक करते ही फोन में इंस्टॉल हो जाती है।
- फाइल बैकग्राउंड में सिस्टम सेटिंग्स में प्रवेश कर लेती है।
- फोन की स्क्रीन, कैमरा, माइक्रोफोन और डेटा हैकर्स के नियंत्रण में आ जाता है।
गोपनीयता पर सीधा खतरा
फोन हैक होने के बाद हैकर्स को न सिर्फ बैंक संबंधी डिटेल्स, बल्कि फोन में मौजूद तस्वीरें, वीडियो, कांटेक्ट लिस्ट, मेल और अन्य दस्तावेज तक की पूरी पहुंच मिल जाती है। इससे व्यक्तिगत और संवेदनशील जानकारियों की गोपनीयता खतरे में पड़ जाती है।
साइबर एक्सपर्ट्स की सलाह:
- अनजान लिंक, फोटो या GIF पर क्लिक न करें।
- फोन में “Unknown Sources” से ऐप इंस्टॉल की अनुमति न दें।
- फोन में एंटीवायरस और एंटी-स्पाइवेयर ऐप रखें।
- 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) ऑन रखें।
- किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना स्टेट साइबर सेल या स्थानीय पुलिस को दें।
- साभार…
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