Wednesday , 30 April 2025
Home Uncategorized Headlines: आईआईटी वाले बाबा का दावा: लोकप्रियता बनी समस्या
Uncategorized

Headlines: आईआईटी वाले बाबा का दावा: लोकप्रियता बनी समस्या

आईआईटी वाले बाबा का दावा: लोकप्रियता

Headlines: प्रयागराज महाकुंभ में आईआईटी वाले बाबा (अभय सिंह) को लेकर विवाद ने खूब सुर्खियां बटोरी हैं। अभय सिंह, जिन्होंने आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी की पढ़ाई की है, अपनी अनूठी पहचान और विचारों के कारण मीडिया और यूट्यूबर्स के आकर्षण का केंद्र बने रहे। हालाँकि, उनकी बढ़ती लोकप्रियता और अखाड़े के नियमों का उल्लंघन करने के आरोपों ने उन्हें विवादों में घेर लिया। अभय सिंह का कहना है कि उनकी बढ़ती लोकप्रियता से अन्य संत और अखाड़ा प्रमुख नाराज हो गए। उनका दावा है कि संतों ने उन्हें प्रतिस्पर्धा के कारण अखाड़े से बाहर निकालने का फैसला किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह निर्णय उनकी बढ़ती प्रसिद्धि के कारण ईर्ष्या से प्रेरित था।

जूना अखाड़ा का पक्ष

जूना अखाड़े के महंत करणपुरी ने कहा कि अभय सिंह साधु की परंपराओं और अनुशासन का पालन नहीं कर रहे थे।

  • गंभीर आरोप:
    • गुरु के प्रति अपशब्दों का प्रयोग।
    • अखाड़े की परंपराओं का उल्लंघन।
    • अनुचित और गैर-जिम्मेदार व्यवहार।
      महंत ने अभय सिंह को “आवारा, मवाली और ढोंगी” करार दिया। उन्होंने कहा कि वह संन्यासी नहीं थे, बल्कि एक ऐसा व्यक्ति थे जो ध्यान आकर्षित करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता था।

घटनाक्रम की झलक:

  • अभय सिंह की अनूठी पृष्ठभूमि और व्यक्तित्व ने उन्हें मीडिया में लोकप्रिय बना दिया।
  • उनकी शैली और विचार अन्य संतों से अलग थे, जिससे विवाद पैदा हुआ।
  • जूना अखाड़े ने कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें परंपरा और अनुशासन तोड़ने के आरोप में अखाड़े से निकाल दिया।

क्या यह आंतरिक राजनीति का मामला है?

कुछ लोग इस पूरे घटनाक्रम को अखाड़ों की आंतरिक राजनीति से जोड़ रहे हैं। महाकुंभ में संतों के बीच लोकप्रियता और मान्यता पाने की होड़ कोई नई बात नहीं है। अभय सिंह के मामले में उनकी तेज़ी से बढ़ती पहचान शायद कई संतों के लिए असहजता का कारण बनी। आईआईटी वाले बाबा का विवाद महाकुंभ के धार्मिक और सामाजिक ढांचे में नई बहस को जन्म देता है। जहां एक तरफ यह मामला परंपरा और अनुशासन के पालन का है, वहीं दूसरी तरफ लोकप्रियता और प्रतिस्पर्धा की राजनीति भी स्पष्ट रूप से नजर आती है। अखाड़ों की भूमिका और उनके निर्णयों पर चर्चा आगे भी जारी रह सकती है।

 source internet…  साभार…. 

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Celebration: भार्गव समाज ने आरती-पूजन कर मनाया परशुराम जन्मोत्सव

Celebration:बैतूल। भार्गव सभा बैतूल द्वारा भगवान परशुराम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया...

Announcement: लाड़ली बहना’ से अब ‘लखपति बहना’ की ओर: शिवराज सिंह चौहान का बड़ा ऐलान

Announcement: रायसेन (मध्यप्रदेश) — मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय कृषि...

Case registered: 2000 करोड़ का घोटाला: मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ मामला दर्ज

Case registered: नई दिल्ली — दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार...

Arrested: भोपाल कॉलेज कांड: पांचवीं पीड़िता सामने आई

फरहान और अली सहित चार आरोपी गिरफ्तार Arrested: भोपाल — भोपाल के...