पहलगाम आतंकी हमले पर सियासी बयानबाज़ी
Heartburn: पहलगाम, जम्मू-कश्मीर | जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद सियासत गरमा गई है। इस हमले में कई पर्यटक और कारोबारी मारे गए थे, जिनमें मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ के नागरिक शामिल थे। हमले को लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति और व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा के बयान ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है।
रॉबर्ट वाड्रा का बयान
बुधवार को एक मीडिया इंटरव्यू में वाड्रा ने कहा, “यह हमला केवल आतंकी हिंसा नहीं, बल्कि देश में बढ़ते धार्मिक ध्रुवीकरण का नतीजा है। भारत में मुसलमानों को दबाए जाने की धारणा से आतंकियों को यह लगता है कि वे जवाबी कार्रवाई कर रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, “अगर किसी की पहचान पूछकर उसे मारा जा रहा है, तो यह दर्शाता है कि अल्पसंख्यक खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। यह प्रधानमंत्री के लिए एक संदेश है कि देश में एकता और धर्मनिरपेक्षता की भावना को मज़बूत किया जाए।”
पीड़ित परिवारों की तीखी प्रतिक्रिया
वाड्रा के इस बयान पर हमले में जान गंवाने वालों के परिजनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
मध्य प्रदेश के इंदौर निवासी पीड़ित सुशील नथानियल के भाई विकास नैथनियल ने कहा,
“आतंकियों ने मेरे भाई से धर्म पूछा, कलमा पढ़ने को कहा और जब उन्होंने अपनी ईसाई पहचान बताई, तो उन्हें गोली मार दी। यह हमला सीधा धार्मिक पहचान पर था, ना कि किसी सामाजिक धारणा पर। वाड्रा का बयान वास्तविकता से परे है।”
गुजरात के भावनगर से यतीश परमार और उनके बेटे स्मित परमार की हत्या के बाद, उनके रिश्तेदार प्रशांत नथानी ने कहा,
“यह हमला कश्मीर में शांति स्थापित होने के बाद भी हुआ, लेकिन इसका कारण सरकार की नीति नहीं, बल्कि आतंकियों की सोच है। कांग्रेस इस मामले पर राजनीति कर रही है। हम सरकार के रुख से संतुष्ट हैं।”
छत्तीसगढ़ के व्यवसायी दिनेश मिरानिया के परिजन विनोद अग्रवाल ने भी वाड्रा के बयान को खारिज करते हुए कहा,
“हमले में लोगों को नाम और धर्म पूछकर मारा गया। यह हमला हिंदुत्व के खिलाफ था, न कि किसी राजनीतिक नीतिगत प्रतिक्रिया का हिस्सा। कांग्रेस हमेशा से इस तरह की घटनाओं को राजनीतिक रंग देने की कोशिश करती है।”
राजनीतिक हलकों में हलचल
वाड्रा के बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस पर “हिंदुत्व विरोधी एजेंडा” चलाने का आरोप लगाया है, वहीं कांग्रेस ने कहा है कि वाड्रा का बयान मानवता की दृष्टि से दिया गया था और देश की एकता को लेकर चिंता जाहिर करने का प्रयास था।
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