History: भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मुरैना सोलर प्लस स्टोरेज परियोजना के शुभारंभ के साथ ही मध्यप्रदेश ने राष्ट्रीय स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह भारत की पहली परियोजना है, जो रिकॉर्ड न्यूनतम ₹2.70 प्रति यूनिट टैरिफ पर स्थिर और डिस्पैचेबल ऊर्जा उपलब्ध करा रही है।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को नई दिल्ली स्थित होटल ताज में आयोजित सीआईआई अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सौर क्षमता वर्ष 2025 तक 5 हजार मेगावाट पर पहुंच चुकी है और इसे 2035 तक बढ़ाकर 33 हजार मेगावाट करने का लक्ष्य है।
पीएम मोदी के नेतृत्व में “नेट जीरो” लक्ष्य की ओर बढ़ रहा भारत
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम सभी 2070 तक नेट जीरो और 2030 तक 500 गीगावाट नॉन-फॉसिल फ्यूल क्षमता हासिल करने के लक्ष्य की ओर अग्रसर हैं।
उन्होंने कहा कि भारत अब केवल उभरती अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की आशा और भरोसे का केंद्र बन चुका है। ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा सहित टेक्सटाइल, आईटी, फार्मा, कृषि और रक्षा जैसे क्षेत्रों में भी भारत ने अपनी मजबूत पहचान बनाई है।
मध्यप्रदेश ऊर्जा क्षेत्र का अग्रणी राज्य
डॉ. यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश अब देश के प्रमुख ऊर्जा राज्यों में से एक है।
- रीवा का सौर पार्क दिल्ली मेट्रो जैसे उपक्रमों को ऊर्जा प्रदान कर रहा है।
- सांची देश का पहला सोलर सिटी बना है।
- ओंकारेश्वर में देश का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट चल रहा है।
- नीमच में सबसे बड़ा पंप हाइड्रो पावर स्टोरेज प्रोजेक्ट विकसित किया गया है।
उन्होंने उद्योग जगत को आमंत्रित करते हुए कहा कि अगला अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा सम्मेलन मध्यप्रदेश में आयोजित किया जाएगा।
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