Infection: नई दिल्ली। सर्दियों का मौसम स्वास्थ्य के लिए अनुकूल माना जाता है, लेकिन इस दौरान कुछ बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इनमें प्रमुख है गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) संक्रमण, जिसे पेट फ्लू के रूप में भी जाना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, ठंड के मौसम में नोरोवायरस और रोटावायरस जैसे संक्रमण फैलने की संभावना अधिक रहती है।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण के कारण
- वायरस, बैक्टीरिया और परजीवी:
- नोरोवायरस और रोटावायरस: ठंडी परिस्थितियों में सक्रिय रहते हैं और दूषित भोजन, पानी या सतहों के माध्यम से फैलते हैं।
- साल्मोनेला और ई. कोली: खराब भोजन के सेवन से संक्रमण का खतरा।
- गियार्डियासिस: गंदे पानी के सेवन से होता है।
- फैलाव के माध्यम:
- दूषित पानी और भोजन।
- अशुद्ध सतहों का संपर्क।
- संक्रमित व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क।
लक्षण
- दस्त और उल्टी।
- पेट में ऐंठन और दर्द।
- शरीर में कमजोरी।
बचाव के उपाय
- स्वच्छता बनाए रखें:
- खाने से पहले और शौचालय का उपयोग करने के बाद हाथ धोना।
- बार-बार छूने वाली सतहों को साफ करना।
- भोजन और पानी की सुरक्षा:
- भोजन पकाने और स्टोर करने में सफाई का ध्यान रखें।
- जल्दी खराब होने वाले खाद्य पदार्थों को उचित तापमान पर स्टोर करें।
- फिल्टर किया हुआ पानी पीएं या पानी को उबालकर उपयोग करें।
- संतुलित आहार और इम्यूनिटी बढ़ाएं:
- फलों, सब्जियों और प्रोबायोटिक्स से भरपूर आहार लें।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और हाइड्रेटेड रहें।
- पर्याप्त नींद लें।
- व्यक्तिगत वस्तुओं का ध्यान:
- संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें।
- बर्तन और तौलिये जैसी व्यक्तिगत वस्तुओं को साझा न करें।
जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से संपर्क करें
अगर लक्षण बने रहते हैं या बिगड़ते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। सही देखभाल और सतर्कता से सर्दियों के इस सामान्य संक्रमण से बचा जा सकता है। सर्दियों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन स्वच्छता और सही आहार से इसे रोका जा सकता है। संक्रमण से बचने के लिए सतर्क रहें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
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