Innovation: भोपाल में आयोजित 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में एक अनोखे और उपयोगी नवाचार ने ध्यान आकर्षित किया है। जयपुर के भारतीय विद्या आश्रम स्कूल के छात्रों और उनकी शिक्षिका ने मिलकर एक ऐसा जूता तैयार किया है, जिसे “सेफ स्पार्क” नाम दिया गया है। यह जूता महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाया गया है।
जूते के विशेष फीचर्स
नॉन-लीथल इलेक्ट्रिक शॉकजूता एक रीचार्जेबल बैटरी से लैस है, जो सामने वाले व्यक्ति को करंट का हल्का झटका देती है।यह झटका जानलेवा नहीं है लेकिन इतना प्रभावी है कि अटैकर को अचेत कर दे और दूरी बनाए रखे।जीपीएस सिस्टमजूता तीन पहले से सेट किए गए नंबरों पर खतरे की स्थिति में लोकेशन के साथ एसएमएस भेजता है।वीडियो रिकॉर्डिंगइसमें एक कैमरा लगाया गया है, जो घटना के दौरान वीडियो रिकॉर्ड करके सबूत तैयार करता है।सुविधाजनक पुश बटनजूते में एक छिपा हुआ पुश बटन है, जिसे बिना हाथ लगाए, जूता पहनते ही सक्रिय किया जा सकता है।
नवाचार का उद्देश्य
शिक्षिका शुभी शर्मा और उनके छात्रों ने बताया कि यह प्रोजेक्ट महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध जैसे रेप और किडनैपिंग को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।देश में हर साल:लगभग 30,000 रेप केसकरीब डेढ़ लाख किडनैपिंग केस दर्ज होते हैं।यह जूता महिलाओं को आत्मरक्षा में सहायक साबित होगा और सुरक्षा का एक सस्ता व प्रभावी समाधान प्रदान करेगा।
तैयार करने की प्रक्रिया
सर्वेक्षण:
600 से अधिक महिलाओं और लड़कियों पर सर्वे कर उनकी समस्याओं को समझा गया।पायलट टेस्टिंग:
जूते को एनजीओ के माध्यम से 20 से अधिक महिलाओं को दिया गया।लागत:
इसे तैयार करने की कुल लागत ₹600-₹700 के बीच रही।
source internet… साभार….
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