Lunar eclipse: भोपाल। रविवार रात मध्यप्रदेश में लोगों ने दुर्लभ खगोलीय घटना पूर्ण चंद्रग्रहण का नजारा देखा। चंद्रग्रहण रात 9:56 बजे शुरू हुआ और 3 घंटे 28 मिनट तक चला। इस दौरान रात 11:00 बजे से 12:23 बजे तक 82 मिनट तक पूर्ण चंद्रग्रहण रहा। इस समय चांद लाल-नारंगी रंग का दिखाई दिया, जिसे खगोल विज्ञान में ब्लड मून कहा जाता है।
खगोलविदों के अनुसार, इस दौरान पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ गई, जिससे सूर्य का प्रकाश सीधे चांद तक नहीं पहुंच सका और पृथ्वी की छाया उस पर पड़ गई। इसी कारण चांद लालिमा लिए दिखाई दिया।
भोपाल, इंदौर, उज्जैन और रायसेन समेत पूरे प्रदेश में लोग घरों की छतों और खुले मैदानों से इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए उमड़े।
मंदिरों में बदली दिनचर्या
चंद्रग्रहण के चलते प्रदेशभर के मंदिरों के पट शाम को ही बंद कर दिए गए। उज्जैन के महाकाल मंदिर में विशेष आरती के बाद पट बंद हुए। आम दिनों में जहां रात 10:30 बजे शयन आरती के बाद मंदिर बंद होता है, वहीं ग्रहण को देखते हुए समय से पहले ही पट बंद कर दिए गए। इस दौरान भक्तों ने घरों और आश्रमों में पाठ-पूजा, जप-आराधना और भजन-कीर्तन किए।
चंद्रग्रहण क्यों होता है?
पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है और चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है। पूर्णिमा के दिन जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं, तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। यही स्थिति चंद्रग्रहण कहलाती है।
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