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Maha Kumbh: महाकुंभ 2025: समापन के बाद कैसे किया जाता है विशाल मेले के संसाधनों का पुनः उपयोग?

महाकुंभ 2025: समापन के बाद कैसे

Maha Kumbh: प्रयागराज में दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला महाकुंभ अब समाप्त हो चुका है। 45 दिनों तक चले इस आयोजन को बसाने में 4000 एकड़ भूमि, लाखों टेंट, हजारों किलोमीटर बिजली-पानी लाइनें और हजारों संसाधनों का उपयोग किया गया था। अब यह समूचा ढांचा हटाया जा रहा है, और इसके पुनः उपयोग की विस्तृत प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

कैसे हटाए जा रहे हैं टेंट और अन्य संरचनाएं?

🔹 टेंट और तंबू:

  • 10,000 से अधिक मजदूर दिन-रात इन्हें उखाड़ने में लगे हैं।
  • सभी टेंट पहले 4 अस्थायी स्टोर (परेड ग्राउंड, सेक्टर-6, 15, 23) में जमा किए जाएंगे।
  • फिर इन्हें प्रयागराज, उज्जैन, अहमदाबाद और कांटी के स्थायी गोदामों में भेजा जाएगा।
  • वहां पर मिट्टी हटाई जाएगी, धूप में सुखाया जाएगा, और सिलाई-मरम्मत का काम होगा।
  • 2027 के नासिक कुंभ में इनका पुनः उपयोग होगा।

बिजली व्यवस्था: 75% उपकरण यूपी के अन्य जिलों को भेजे जाएंगे

  • 54 हजार बिजली खंभे, 70 हजार LED लाइटें, 2016 सोलर हाईब्रिड लाइटें और 1585 किमी बिजली लाइन बिछाई गई थी।
  • प्रयागराज के माघ मेले के लिए 25% सामान रिजर्व रहेगा।
  • शेष 75% बिजली के उपकरण यूपी के विभिन्न जिलों को आवंटित किए जाएंगे।

जल आपूर्ति: ट्यूबवेल और वाटर ATM का पुनः उपयोग

  • 85 ट्यूबवेल की बोरिंग स्थायी रूप से रखी जाएगी, कैप लगाकर सील किया जाएगा, ताकि भविष्य में उपयोग हो सके।
  • 160 पानी टैंकरों में से 100 नए खरीदे गए थे, जिन्हें जरूरत के अनुसार यूपी के अन्य नगर निगमों में भेजा जाएगा।
  • 40% जल संसाधन माघ मेले के लिए रिजर्व रहेंगे।

साफ-सफाई सुविधाएं: मोबाइल टॉयलेट और वॉशबेसिन का पुनः उपयोग

  • डेढ़ लाख टॉयलेट और यूरिनल स्थापित किए गए थे।
  • 70% टॉयलेट शीट हटाने में टूट जाती हैं, लेकिन सुरक्षित निकाले गए टॉयलेट और वॉशबेसिन माघ मेले में उपयोग किए जाएंगे।

पीपा पुल: यूपी की नदियों में फिर से उपयोग होंगे

  • महाकुंभ में 2213 पीपे जोड़कर 30 पीपा पुल बनाए गए।
  • इन पुलों को अब सराय इनायत के पास कनिहार में स्टोर किया जाएगा और जरूरत के अनुसार यूपी की अन्य नदियों में अस्थायी पुलों के रूप में उपयोग किया जाएगा।

महाकुंभ का समापन होते ही सभी संसाधनों को व्यवस्थित रूप से हटाने और पुनः उपयोग की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इससे भविष्य के आयोजनों में लागत कम होती है और संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जाता है। 🔄🎪🌍

source internet…  साभार…. 

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