Maha Kumbh: महाकुंभ 2025 की सुरक्षा में माउंटेड पुलिस के विशेष दस्तों और उनकी अश्व-शक्ति (घोड़ों) की तैनाती की गई है। ये घोड़े साधारण नहीं, बल्कि विशेष रूप से प्रशिक्षित और अत्यधिक दक्ष हैं। ये घोड़े इशारों पर कदमताल करते हुए भीड़ को नियंत्रित कर सकते हैं और जमीन से लेकर पानी तक में दौड़ने में सक्षम हैं।
भीड़ नियंत्रण में माउंटेड पुलिस की भूमिका
130 घोड़ों के साथ माउंटेड पुलिस के दस्ते महाकुंभ में भीड़ प्रबंधन और गश्त के लिए तैनात हैं। भारतीय नस्लों के साथ-साथ अमेरिकन और इंग्लैंड ब्रीड के घोड़ों का उपयोग किया गया है। इन घोड़ों की कीमत 50 लाख रुपये से लेकर ढाई करोड़ रुपये तक है। इनकी गश्त देखने के लिए श्रद्धालु आकर्षित होते हैं।
विशेष घोड़े और उनकी ट्रेनिंग
- दारा – सबसे समझदार घोड़ा:
दारा, जो अमेरिकन ब्रीड का है, दस्ते का नेतृत्व करता है। इसका जन्म 2020 में हिसार छावनी में हुआ था। यह गोल्डन काइट का पुत्र है, जो अमेरिका से लाया गया घोड़ा है। - ट्रेनिंग केंद्र:
इन घोड़ों को मुरादाबाद और सीतापुर ट्रेनिंग सेंटर में विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। ये घोड़े महाकुंभ क्षेत्र की भौगोलिक स्थितियों को समझने और भीड़ के बीच सुरक्षित रास्ता बनाने में दक्ष हैं।
घोड़ों की विशेषताएं
- इलेक्ट्रॉनिक चिप:
घोड़ों की गर्दन में इलेक्ट्रॉनिक चिप लगाई गई है, जिसमें उनकी सात पीढ़ियों का डेटा संग्रहीत है। यह चिप उनकी लोकेशन और ट्रैकिंग की भी सुविधा देती है। - भौगोलिक पहचान:
घोड़े मेले के रूट को पहचान रहे हैं। रूट की पूरी जानकारी के बाद वे भीड़ में खुद को नियंत्रित कर सकते हैं। - कोडिंग सिस्टम:
हर घोड़े के घुटनों और थाई पर विशेष कोड होता है, जिससे उनके जन्म वर्ष, निवास स्थान, और वंश का पता चलता है।
बेशकीमती घोड़े और उनकी उपयोगिता
- अमेरिकन और इंग्लैंड ब्रीड के घोड़ों की कीमत 2-3 करोड़ रुपये तक हो सकती है।
- पुलिस के प्रशिक्षित घोड़ों की कीमत नहीं आंकी जा सकती, क्योंकि ये बेशकीमती हैं।
- इनकी सेवा की अधिकतम आयु 20 साल तय है।
EFI द्वारा ट्रैकिंग और निगरानी
घोड़ों की निगरानी और ट्रैकिंग का कार्य इकेस्ट्रियन फेडरेशन ऑफ इंडिया (EFI) द्वारा किया जाता है। यह दिल्ली स्थित मुख्यालय से घोड़ों की गतिविधियों को ट्रैक करता है।
महाकुंभ के लिए खास तैयारी
महाकुंभ की भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन घोड़ों को खास तौर पर प्रशिक्षित किया गया है। ये न केवल भीड़ को संभालते हैं बल्कि श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित रास्ता भी बनाते हैं।
source internet… साभार….
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