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Maha Kumbh: महाकुंभ प्रयागराज 2025: आने-जाने, ठहरने और घूमने की पूरी जानकारी

महाकुंभ प्रयागराज 2025: आने-जाने, ठहरने

Maha Kumbh: उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, इस बार 40 करोड़ श्रद्धालुओं के संगम स्नान के लिए आने की संभावना है। यह मेला 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित होगा। 2019 में हुए अर्द्धकुंभ में 24 करोड़ लोग आए थे।


महाकुंभ में कैसे पहुंचें?

सड़क मार्ग से:

प्रयागराज के 7 मुख्य प्रवेश मार्ग हैं। राजसी स्नान पर्व पर संगम क्षेत्र नो व्हीकल ज़ोन रहेगा। निजी वाहन और बसें 10 किलोमीटर पहले रोक दी जाएंगी।

मुख्य मार्ग और अनुमानित यात्री प्रतिशत:

  • जौनपुर मार्ग: 21%
  • रीवा और बांदा मार्ग: 18%
  • वाराणसी मार्ग: 16%
  • कानपुर मार्ग: 14%
  • मिर्जापुर मार्ग: 12%
  • लखनऊ मार्ग: 10%
  • प्रतापगढ़ मार्ग: 9%

पार्किंग सुविधा:

  • 102 पार्किंग स्थल, जिनमें 70% स्नान घाट से 5 किमी के अंदर हैं।
  • 24 सैटेलाइट पार्किंग, जिनमें 18 मेला क्षेत्र और 6 शहर में हैं।

रेल मार्ग से:

महाकुंभ के दौरान 3,000 विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी।

  • प्रमुख स्टेशन: प्रयागराज जंक्शन, नैनी, छिवकी, प्रयाग स्टेशन, और फाफामऊ।
  • प्रमुख स्नान पर्व पर कुछ ट्रेनों को मुख्य स्टेशन पर प्रवेश नहीं मिलेगा।

हवाई मार्ग से:

प्रयागराज से 25 शहरों के लिए फ्लाइट उपलब्ध होगी। इनमें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, लखनऊ, इंदौर, कोलकाता, हैदराबाद और चंडीगढ़ प्रमुख हैं।


महाकुंभ में ठहरने की व्यवस्था:

कैंप और टेंट सिटी:

  • डोम सिटी: किराया ₹80,000 से ₹1.25 लाख प्रतिदिन।
  • टेंट सिटी: किराया ₹3,000 से ₹30,000 प्रतिदिन।

होटल और गेस्ट हाउस:

  • 42 लग्जरी होटल।
  • स्टेशन के पास 50 होटल और पूरे शहर में 204 गेस्ट हाउस।
  • 90 धर्मशालाओं में ठहरने की सुविधा।

रैन बसेरा और आश्रय स्थल:

  • संगम के पास 3,000 बेड वाले रैन बसेरे।
  • 100 आश्रय स्थल, हर स्थल में 250 बेड।

महाकुंभ में कहां-कहां जा सकते हैं?

धार्मिक स्थल:

  1. लेटे हनुमान मंदिर: संगम से 1 किमी दूर।
  2. अक्षयवट मंदिर: अकबर के किले के अंदर।
  3. पातालपुरी मंदिर: वैदिक काल से जुड़ा प्राचीन मंदिर।
  4. मनकामेश्वर मंदिर: यमुना नदी के किनारे स्थित।
  5. नागवासिकी मंदिर: संगम से 3 किमी की दूरी पर।

अन्य प्रमुख स्थल:

  • चंद्रशेखर आजाद पार्क: आज़ादी की लड़ाई का प्रमुख स्थल।
  • स्वराज भवन और आनंद भवन: नेहरू परिवार का ऐतिहासिक आवास।
  • खुसरो बाग: सम्राट जहांगीर के बेटे खुसरो का स्मारक।

खानपान और डिजिटल सुविधा:

  • गूगल मैप और Maha Kumbh Mela 2025 ऐप से सभी स्थानों की जानकारी प्राप्त करें।
  • मेला क्षेत्र में हर प्रकार के भोजन की सुविधा उपलब्ध होगी।

महाकुंभ 2025 के लिए विशेष टिप्स:

  1. समय से पहले आवास और यात्रा की बुकिंग करें।
  2. डिजिटल मैप और मार्गदर्शक का उपयोग करें।
  3. राजसी स्नान पर्व पर वाहन प्रतिबंध को ध्यान में रखें।

महाकुंभ का यह धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव आपको जीवनभर याद रहेगा। जय गंगा मैया!

 source internet…  साभार….     

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