भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार का यह निर्णय नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत एक बड़ा कदम है। एनसीईआरटी की किताबें लागू करने से राज्यभर में एक समान पाठ्यक्रम सुनिश्चित होगा, जिससे छात्रों को गुणवत्ता पूर्ण और प्रमाणिक शिक्षा मिल सकेगी।
इससे सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों में पाठ्यक्रम का स्तर संतुलित रहेगा और किताबों की कीमत भी कम होने से अभिभावकों पर आर्थिक बोझ कम पड़ेगा। हालांकि, CBSE से संबद्ध स्कूलों को स्थानीय स्तर की कुछ किताबें रखने की छूट रहेगी, लेकिन उन्हें भी एनसीईआरटी की किताबें अनिवार्य रूप से पढ़ानी होंगी।
इस फैसले से छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं में भी लाभ मिलेगा, क्योंकि अधिकांश राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाएं (जैसे NEET, JEE, UPSC) एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम पर आधारित होती हैं।
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