Mandatory: भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने मेडिकल शिक्षा को लेकर बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना (MMVY) के तहत सरकारी खर्च पर एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले मेधावी छात्रों को अब 5 साल तक ग्रामीण अस्पतालों में सेवा देना अनिवार्य होगा। यदि छात्र यह शर्त पूरी नहीं करते हैं, तो सरकार को उनकी पढ़ाई पर खर्च की गई पूरी फीस लौटानी होगी।
नई नीति की मुख्य बातें
- प्रभावी सत्र: यह नियम शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू होगा।
- बॉन्ड साइन अनिवार्य: प्राइवेट और सरकारी दोनों मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को राज्य सरकार के साथ बॉन्ड एग्रीमेंट करना होगा।
- फीस वापसी का नियम:
- 5 साल ग्रामीण सेवा न करने पर पूरी फीस चुकानी होगी।
- 2.5 साल सेवा करने पर आधी फीस वापस करनी होगी।
- NEET रैंक की शर्त: केवल NEET UG में 1.5 लाख से ऊपर रैंक वाले छात्रों को योजना का लाभ मिलेगा।
ग्रामीण सेवा को लेकर चुनौतियां
- सरकारी मेडिकल कॉलेज से पास आउट डॉक्टरों को पहले भी ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा जाता रहा है, लेकिन अधिकांश डॉक्टर ज्वाइन नहीं करते।
- हाल ही में सरकार ने 1977 MBBS और 876 PG डॉक्टरों को ग्रामीण अस्पतालों में पदस्थ करने का आदेश दिया, मगर सिर्फ 280 डॉक्टरों ने ही ज्वाइन किया।
- उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि बॉन्ड का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
डॉक्टरों की कमी गंभीर
- प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में 5449 स्वीकृत पदों में से 3948 खाली हैं।
- केवल 1495 स्पेशलिस्ट डॉक्टर कार्यरत हैं।
- सरकार डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए नए भर्ती अभियान चला रही है।
- sabhar…
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