Meeting: नई दिल्ली: अब क्रिकेट फैंस को स्टेडियम में आईपीएल मैच देखने के लिए ज्यादा पैसे देने पड़ेंगे, क्योंकि सरकार ने जीएसटी की दर 28% से बढ़ाकर 40% कर दी है। GST काउंसिल की 56वीं मीटिंग में इस पर फैसला लिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3 सितंबर को इसकी जानकारी दी।
नई टैक्स व्यवस्था ने आईपीएल देखना एक लग्जरी एक्टिविटी माना है और इसे तंबाकू उत्पादों और कसिनो जैसी सर्विसेज की ही कैटेगरी में रखा है। हालांकि, आम क्रिकेट मैचों पर अभी भी 18% जीएसटी ही लागू रहेगा। यानी ये बदलाव सिर्फ प्रीमियम स्पोर्ट्स इवेंट्स के लिए है।
दूसरी ओर 100 रुपए तक की सिनेमा टिकटों पर सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा, जो पहले 12% था। लेकिन 100 रुपए से ज्यादा की टिकटों पहले की तरह 18% जीएसटी लगेगा।
वहीं होटल के कमरों की बुकिंग और सौंदर्य और सेहत से जुड़ी सेवाओं पर जीएसटी 18% से कम करके 5% कर दिया गया है।
1. IPL टिकट महंगे हुए— 40% GST
- अद्यतन GST ढाँचे (GST 2.0) में अब IPL जैसे प्रीमियम स्पोर्ट्स टिकट्स पर 28% से बढ़ाकर 40% कर लगाया गया है। यह टैक्स वृद्धि इसे “non-essential and luxury items” श्रेणी में लाती है, जिससे क्रिकेट फैंस को स्टेडियम में मैच देखने का खर्च काफी बढ़ जाएगा।
2. सिनेमा टिकट में छूट— ₹100 तक पर 5% GST
- दूसरी ओर, सिनेमा टिकट — विशेषकर ₹100 तक की कीमत वाले — अब 5% GST पर डाली जाएंगी, जो पहले 12% थी। इससे सस्ते मूवी टिकट्स पर लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।
3. GST ढाँचे में दो टैक्स स्लैब— 5% और 18%
- पूरा GST संरचना अब सरलीकृत कर दी गई है: चार स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) की जगह अब केवल दो मुख्य स्लैब—5% और 18%—रही है।
- साथ ही एक शीर्ष “luxury/sin goods” श्रेणी के लिए 40% टैक्स स्लैब भी लागू किया गया है।
4. बढ़ावा नहीं सिर्फ आईपीएल पर— जन उपयोगी वस्तुओं पर राहत
- रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएँ—जैसे साबुन, टूथपेस्ट, शैंपू—as well as एयर कंडीशनर, छोटे कार, टीवी आदि पर टैक्स काफी कम हुआ है। इससे महंगाई घटने और आर्थिक गतिविधि में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है।
5. जीवन और स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम— GST मुक्त
- अब व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर GST हटाया जा चुका है—अब ये पूरी तरह GST-मुक्त हैं, जिससे पॉलिसीधारकों को काफी राहत मिल गई है।
6. आर्थिक प्रतिक्रिया और संभावित असर
- इन sweeping GST सुधारों को “GST Diwali bonanza” कहा जा रहा है, क्योंकि ये बदलाव त्योहारों से पहले लागू किए जा रहे हैं, जो मांग बढ़ाने और GDP में सुधार के लिए सहायक होने की आशा है।
- आर्थिक विशेषज्ञों का अनुमान है कि इन सुधारों से अगले 4–6 तिमाहियों में आर्थिक वृद्धि में 100–120 आधार अंक (bps) की बढ़ोतरी सम्भव है।
- साभार…
Leave a comment