Mind matter : नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 121वें एपिसोड की शुरुआत जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देकर की। उन्होंने कहा कि इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है और देशवासी एक स्वर में इसका विरोध कर रहे हैं। पीएम ने पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया और कहा कि दोषियों को कठोर दंड मिलेगा।
मोदी ने कहा कि कश्मीर घाटी में लौटती शांति और विकास से कुछ दुश्मन तिलमिला गए हैं। “स्कूल-कॉलेजों में पढ़ाई सुचारू थी, निर्माण कार्यों में तेजी आई थी, लोकतंत्र मजबूत हो रहा था और पर्यटन क्षेत्र में रिकॉर्ड वृद्धि हो रही थी। यह प्रगति कुछ लोगों को रास नहीं आई,” पीएम ने कहा।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने भारत की वैश्विक उपलब्धियों पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि भारत एक साथ 104 सैटेलाइट्स लॉन्च कर विश्व रिकॉर्ड बना चुका है और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बना है। प्रधानमंत्री ने इसरो के पूर्व प्रमुख डॉ. कस्तूरीरंगन को श्रद्धांजलि दी, जिनके नेतृत्व में भारत ने कई उपग्रह मिशन सफलतापूर्वक पूरे किए थे। उन्होंने डॉ. कस्तूरीरंगन को नवाचार और युवा प्रेरणा का प्रतीक बताया।
युवाओं की प्रतिभा पर प्रकाश डालते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत के युवा विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं, जिससे भारत की वैश्विक छवि बदली है। उन्होंने बताया कि भारत ने अपने अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोल दिया है, जिसके चलते आज 350 से अधिक स्पेस स्टार्टअप्स सक्रिय हैं। पीएम मोदी ने म्यांमार में आए भूकंप का भी उल्लेख किया और बताया कि भारत ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत राहत और बचाव कार्य शुरू किए। इसके साथ ही अफ्रीका के इथोपिया में रहने वाले भारतीय समुदाय द्वारा दिल की बीमारी से पीड़ित बच्चों को भारत लाकर इलाज कराने के प्रयासों की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए ‘सचेत’ मोबाइल ऐप का जिक्र किया, जो क्षेत्रीय भाषाओं में भी जानकारी उपलब्ध कराता है। साथ ही उन्होंने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की सफलता की चर्चा की, जिसके तहत अब तक 140 करोड़ से अधिक पेड़ लगाए जा चुके हैं।
कार्यक्रम के अंत में पीएम मोदी ने देशवासियों से अपील की कि वे पर्यावरण संरक्षण के इस आंदोलन का हिस्सा बनें और अपनी मां के नाम एक पेड़ जरूर लगाएं।
गौरतलब है कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम 22 भारतीय भाषाओं, 29 बोलियों और 11 विदेशी भाषाओं में प्रसारित होता है और देशभर में आकाशवाणी के 500 से ज्यादा केंद्रों से इसे ब्रॉडकास्ट किया जाता है।
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