Mistake: भोपाल। फैटी लिवर डिज़ीज़ तेजी से एक आम बीमारी बनकर सामने आ रही है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की चेतावनी के मुताबिक, यह बीमारी अगर समय पर नियंत्रित न की जाए तो लिवर कैंसर तक का रूप ले सकती है। इसमें लिवर की कोशिकाओं में चर्बी जरूरत से ज्यादा जमा हो जाती है। इसका एक रूप अल्कोहलिक फैटी लिवर डिज़ीज़ है, जो शराब के अधिक सेवन से होता है, जबकि दूसरा नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिज़ीज़ है, जो बिना शराब पिए भी हो सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर मरीज अपनी रोजमर्रा की आदतों में सुधार न करें तो फैटी लिवर कैंसर तक पहुंच सकता है।
फैटी लिवर को बिगाड़ने वाली गलतियां
- अत्यधिक शराब का सेवन – यह लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाकर सूजन और स्कारिंग को बढ़ाता है।
- ज्यादा चीनी वाला भोजन – मीठे पेय, डेज़र्ट और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट लिवर में फैट बढ़ाते हैं।
- अनहेल्दी जीवनशैली – शारीरिक गतिविधि की कमी से लिवर का कामकाज कमजोर होता है।
- जंक फूड का सेवन – फास्ट फूड और प्रोसेस्ड आइटम्स लिवर पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं।
- लक्षणों की अनदेखी – थकान, पेट फूलना और दर्द जैसे शुरुआती संकेतों को नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है।
- नींद की कमी और तनाव – यह लिवर की मरम्मत प्रक्रिया और डिटॉक्स सिस्टम को बिगाड़ देता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, शराब से परहेज और पर्याप्त नींद से फैटी लिवर को गंभीर बीमारियों में बदलने से रोका जा सकता है।
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